हाथों में रची थी मेंहदी और उजड़ गया सुहाग
उज्जैन। शादी की मेंहदी का रंग चढ़े तीन दिन ही हुए थे और दुल्हन की आंखे जिंदगीभर के लिये आंसूओं से भर गई। आधी रात को दुल्हे ने मौत का फंदा गले में डालकर आत्महत्या कर ली। घटना से 2 परिवार परिवार सदमें है।
विजयागंज मंडी के ग्राम बरखेड़ीभान में रहने वाले गणेश कुमावत ने अपने दूसरे बेटे विजय 23 वर्ष का रिश्ता धरमपुरी की रहने वाले मंजू के साथ तय किया था। 28 नवम्बर को बारात गई थी। 29 नवम्बर को परिवार ने शादी का रिसेप्शन रखा। परिवार में खुशियों का माहौल बना हुआ था। हाथों में मेंहदी रचाकर आई दुल्हन अपने नये जीवन के सपने सजाने की शुरुआत कर रही थी। तभी उसके जीवन में बुधवार-गुरुवार रात भूचाल आ गया। पति विजय उसे आधी रात को कमरे में अकेला छोड़ बाहर निकल गया। दुल्हन को लगा कि कुछ देर में लौट आयेंगे, लेकिन रात ढाई बजे तक जब वह नहीं लौटा तो उसे देखने के लिये उठी। कमरे का दरवाजा बाहर से बंद था। उसने दरवाजा खोलने के लिये खटखटाया। आवाज सुनकर पति विजय की मां कृष्णाबाई कमरे तक पहुंची, उसने आवाज लगाकर पूछताछ की तो दुल्हन ने दरवाजा बाहर से बंद होना बताया। दरवाजा खोलने पर विजय के काफी देर से लापता होने की जानकारी सामने आई। परिवार के अन्य सदस्य भी नींद से जाग गये। विजय की तलाश शुरु की गई। तभी सामने आया कि वह दूसरी मंजिल के कमरे में रस्सी के फंदे पर लटका है। परिजनों ने रस्सी काटकर नीचे उतारा और जिला अस्पताल लाया गया। डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।