बिहार जेल में बंद है मुख्य आरोपी आकाश हिरासत में 40 लाख की ठगी में शामिल डिस्ट्रीब्यूटर और मर्चेंट
दैनिक अवन्तिका(उज्जैन) इंश्योरेंस पॉलिसी समय से पहले राशि देने और पॉलिसी पर मिलने वाले लाभ का ाांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह से जुड़े डिस्ट्रीब्यूटर और मर्चेन्ट का राज्य सायबर सेल ने गिरफ्तार किया है। दोनों 5 प्रतिशत कमीशन पर मनी ट्रांसफर पेमेंट पोर्टल के माध्यम से ठगी करने वालों को राशि उपलब्ध करते थे।राज्य सायबर सेल पुलिस अधीक्षक डॉ. रश्मि खारया ने बताया कि सालभर पहले इंश्योरेंस पॉलिसी समय से पहले परिपक्वता करने और राशि प्रदान करने का ाांसा देकर 40 लाख की ठगी के मामले में गिरोह से जुड़े डिस्ट्रीब्यूटर और मर्चेन्ट को गिरफ्तार करने में सफलता मिली है। जून माह में ठगी से जुड़े तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका था। इस बार राज्य सायबर सेल की टीम ने तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर रोहिणी, समयपुर बादली, शाहबाद डेयरी और दिल्ली एनसीआर क्षेत्र के अलग-अलग स्थानो पर तीन दिनों तक तलाश कर रवि कुमार निवासी शाहबाद डेयरी और राजेश कुमार राय निवासी जेजे केम्प, बादली नई दिल्ली को गिरफ्तार किया है। दोनों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है। हिरासत में आये दोनों आरोपित इंश्योरेंस पॉलिसी के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह को मनी ट्रांसफर पोर्टल सेवा प्रदान करने का काम करते थे। दोनों ने पोर्टल के माध्यम से 7.50 लाख रूपये ठगी करने वालों के खाते में जमा कराए थे। मर्चेन्ट राजेश कुमार राय और डिस्ट्रीब्यूटर का काम रवि कुमार करता था। ठगी करने वाले बदले में उन्हे ठगी की राशि का पांच प्रतिशत कमीशन देते थे। दोनों आरोपियों द्वारा फर्जी खातों का उपयोग करना बताया गया है। पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि अगर खाता फिज हो जाता था तो दूसरे बैंक खातों व आनलाइन मनी ट्रॉसफर पोर्टल कियोस्क के मर्चेन्ट को अधिक प्रतिशत प्रदान कर ठगी की राशि में केश आउट करना का उपयोग किया जाता। राजेश कुमार के अनुसार उसके साथी कुछ माह तक एक कमरा लेकर कॉल करते है। फिर स्थान परिवर्तन कर लेते थे। ठगी की वारदात करने वाले गिरोह का मुख्य आरोपित आकाश है, जो वर्तमान में बिहार जेल में बंद है। राज्य सायबर सेल निरीक्षक आरडी कानवा ने बताया कि गिरोह से जुड़े तीन आरोपितों को जून में गिरफ्तार किया था। जिनसे 11 लाख की बरामदगी की गई थी। शाजापुर के व्यक्ति को दिया था ाांसा राज्य सायबर सेल के सहायक उपनिरीक्षक हरेन्द्रपालसिंह ने बताया कि ठग गिरोह ने शाजापुर के ग्राम इमलीखेडा निवासी रमेशचन्द्र मेवाडा के साथ ठगी की वारदात को अंजाम दिया था। जिसके पास जनवरी 2022 में मोबाइल पर कॉल आया था और खुद को एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस का अधिकारी बताकर उसकी इश्योरेंस पॉलिसी के सबंध में चर्चा करते हुए बताया की आपकी पॉलिसी में आपके एजेंट की आई.डी. डली हुई है जिससे आपकी पॉलिसी से होने वाले लाभ आपको प्राप्त नही होकर आपके एजेंट को प्राप्त हो रहे है। आपको इश्योरेंस पालीसी में अपडेट करवाने के लिए आपकी अलग अलग पॉलिसी की राशि के हिसाब से टेक्स और शुल्क जमा करना होगा उसके बाद लाभ की राशि प्राप्त होगी। कॉल करने वालों की बातों में आकर दिसंबर 2022 तक रमेशचंद्र मेवाडा ने 40 लाख रुपये जमा करा दिये थे। जिसके बाद भी राशि बैंक खाते में प्राप्त नही हुई थी। इश्योरेंस प्रोवाइडर आॅफिस से जानकारी लेने पर धोखाधड़ी होना सामने आया था। राज्य सायबर सेल को शिकायत मिलने पर मामले में धारा 419, 420 भादवि और 66-डी आई.टी. एक्ट (सूचना प्रोद्योगिकी अधिनियम) में प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की गई थी।राज्य सायबर सेल की एडवाइजरी-कभी किसी भी अनजान कालर पर विश्वास नही करे। -इश्योरेंस पॉलिसी, लोन के लिए नजदीकी शाखा में जाकर सपर्क करे।-किसी अज्ञात कालर की बात पर किसी भी बैंक खाते में रुपया जमा नही करे। -रिमोट एप जैसे टीम व्यूवर, एनीडेस्क, क्विक सर्पोट किसी के कहने पर इंस्टाल नही करे।-फोन काल पर अज्ञात व्यक्ति द्वारा दिये जा रहे निर्देशों का पालन नही करे। -क्यू आर कोड स्केन करने पर बैंक खाते से रुपये निकलते है।-अपनी कोई भी व्यक्तिगत जानकारी सोशल मीडिया पर शेयर नही करें।