सोमवार-मंगलवार सीजन की सबसे ठंडी रात, 13 डिग्री रहा तापमान – आसमान साफ होने के बाद न्यूनतम तापमान में आ रही गिरावट
(उज्जैन) नवंबर का अंतिम सप्ताह और दिसंबर के प्रथम सप्ताह में मौसम का मिजाज पूरी तरह से बिगड़ा हुआ था, आसमान में बादल थे और सूर्य के दर्शन नहीं हो रहे थे। मावठे की बारिश ने दिन में ठिठुरन का एहसास कर दिया था। अब आसमान साफ हो चुका है और न्यूनतम तापमान में गिरावट आ रही है। सोमवार-मंगलवार की रात सीजन की सबसे ठंडी रात रही।अक्टूबर माह में शरद पूर्णिमा के बाद से गुलाबी ठंड की शुरूआत हो जाती है लेकिन इस बार ठंड ने नवंबर माह के चौथे सप्ताह में दस्तक दी। 26 नवंबर को पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से मौसम का मिजाज पूरी तरह से बदल गया था। दिसंबर माह के प्रथम सप्ताह में बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवात के बीच 12 दिनों तक आसमान में बादल छाए रहे थे, मावठे की बारिश से 5 दिसंबर को अधिकतम तापमान 20 डिग्री पर आ गया था। दिन में ठिठुरन महसूस हो रही थी बादल होने से न्यूनतम तापमान बढ़ रहा था। अब पिछले 1 सप्ताह से आसमान पूरी तरह से साफ हो चुका है और धूप निकल रही है। लेकिन न्यूनतम तापमान में लगातार गिरावट दर्ज हो रही है। सोमवार-मंगलवार की रात सीजन की सबसे ठंडी रात रही। जीवाजीराव वेधशाला पर रात का तापमान 13 डिग्री दर्ज किया गया। इससे पहले 12-13 नवंबर की रात न्यूनतम तापमान 13.8 डिग्री और 22-23 नवंबर की रात तापमान 13.7 डिग्री दर्ज हुआ था। वेधशाला अधीक्षक डॉ. राजेंद्र कुमार गुप्त की माने तो दिसंबर माह के अंतिम सप्ताह में दिन और रात के तापमान में और अधिक गिरावट आ सकती है। उत्तर की ओर से आने वाली ठंडी हवा से शीत लहर भी महसूस होने की संभावना बनी हुई है। दिसंबर का अंतिम सप्ताह और जनवरी का प्रथम सप्ताह कड़ाके की ठंड के बीच गुजर सकता है। मंगलवार 12 दिसंबर को सूर्योदय सुबह 7 बजे हुआ इसके बाद ठंड का एहसास काम हो गया था। दिनभर तीन से चार किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से रुक-रुक कर हवा चलती रही। वहीं शाम ढलने के बाद फिर से ठंड ने शहर को अपनी आगोश में ले लिया था। इस बीच अधिकतम तापमान मामूली गिरावट के साथ 26.5 डिग्री दर्ज किया गया। वैसे सालों बाद इस बार ठंड काफी कम पढ़ती दिखाई दे रही है। लेकिन उम्मीद है कि ठंड के अंतिम दिनों मे ठंड अपने शबाब पर रहेगी। 25 दिसंबर के बाद बड़े होंगे दिन नवंबर माह की शुरूआत होने के बाद से रात बड़ी और दिन छोटे होने लगे थे। जिसके चलते सूर्यास्त शाम 5:45 बाद हो रहा था। वही सूरज भी सुबह 7 बजाने से कुछ मिनट पहले उदय हो रहा था। जिसके चलते रातें लंबी और दिन छोटे बने हुए हैं। वेधशाला के अनुसार 25 दिसंबर से एक-एक मिनट दिन बड़े होने की शुरूआत हो जाएगी वहीं रात छोटी होने लगेगी। 21 मार्च 2024 को दिन रात बराबर होंगे और सूर्य अपनी दिशा परिवर्तन करेगा जिसके चलते सूर्य की किरणें सीधे धरती पर पड़ेगी और गर्मी का एहसास शुरू हो जाएगा।