एक दर्दनाक हादसा.. सब कुछ अनजान…कहां गए घायल…
उज्जैन । रविवार-सोमवार की रात बिती रात आगर से उज्जैन तरफ आ रही तेज रफ्तार कार चक कमेड़ चौराहे पर रोड डिवाइडर में घुस गई। धमाके की आवाज सुनकर आसपास के रहवासी नींद से जागे। कार से घायलों को बड़ी मुश्किल से निकाला। 108 एम्बुलेंस और डायल 100 को सूचना दी। सुबह तक घायल न तो सरकारी अस्पताल पहुंचे और न ही पुलिस ने थाने में सूचना नोट की। तीनों घायल सुबह 12 बजे तक लापता थे।
आगर रोड के चक-कमेड़ चौराहे पर कार क्रमांक एमएच 14 जेयू 9126 रोड डिवाइडर से टकराकर क्षतिग्रस्त हुई। प्रत्यक्षदर्शी महेश और अनिल चंदेल ने बताया कि आगर तरफ से आ रही कार की रफ्तार काफी तेज थी। उसमें ड्रायवर के अलावा एक महिला व एक पुरुष बैठे थे।
ड्रायवर को गेट तोड़कर निकाला। कार में बैठे तीनों लोग गंभीर घायल थे। तुरंत 108 एम्बुलेंस और डायल 100 पर पुलिस को सूचना दी गई। महेश ने बताया कि सूचना देने के 45 मिनिट बाद एम्बुलेंस यहां पहुंची और घायलों को लेकर अस्पताल के लिये रवाना हुई जबकि डायल 100 से पुलिसकर्मी आये। लोगों से चर्चा की और चले गये। उन्होंने डिवाइडर में फंसी कार को हटवाने के लिये भी किसी को नहीं कहा।
कहां गये तीनों घायल
नियमानुसार एम्बुलेंस 108 से किसी भी मरीज या घायल को सबसे नजदीकी सरकारी अस्पताल में तुरंत भर्ती कराया जाता है। रात 3.30 बजे चक-कमेड़ से 108 एम्बुलेंस ही घायलों को लेकर रवाना हुई थी जिसे जिला अस्पताल पहुंचना था। जिला अस्पताल के एमएलसी रजिस्टर अथवा भर्ती रजिस्टर में रात 12 बजे बाद किसी भी एक्सीडेंट में घायल व्यक्ति के भर्ती होने की जानकारी दर्ज नही थी।
पुलिस का कहना हमारे यहां सूचना नहीं
जिला अस्पताल में घायलों के भर्ती नहीं होने पर दुर्घटना संबंधी सूचना की जानकारी चिमनगंज थाने से चाही गई। यहां मौजूद एचसीएम का कहना था कि रात में दो मामूली दुर्घटनाओं की रिपोर्ट है उसके अलावा अभी तक कोई सूचना या रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई है। चक-कमेड़ हमारे थाने अंतर्गत आता है। रात में एसआई जितेन्द्र सोलंकी गश्त में थे। उनके द्वारा भी दुर्घटना संबंधी कोई नोटिंग नहीं डाला गया है। गलत थाने में सूचना की संभावना के चलते भैरवगढ़ और घट्टिया थाने में भी संपर्क किया गया लेकिन उक्त दोनों थानों में इतनी बड़ी दुर्घटना की सुबह 12 बजे तक कोई सूचना नहीं पहुंची थी।
एम्बुलेंस जिला मैनेजर बोले… ढूंढना आसान नहीं
दुर्घटना में गंभीर घायल हुए महिला सहित दो पुरुषों को किसी 108 एम्बुलेंस ने कौन से अस्पताल में भर्ती कराया इसकी जानकारी के लिये 108 एम्बुलेंस के जिला मैनेजर गोतम सिंह राजपूत से चर्चा की गई तो उनका कहना था कि मैं अभी भोपाल में हूं।
घटना स्थल पर जो एम्बुलेंस पहुंचती है तो कॉलर को ड्रायवर का मोबाइल नंबर मैसेज किया जाता है या फिर एम्बुलेंस का नंबर पता हो तो यह ट्रेस किया जा सकता है कि कौन सी एम्बुलेंस घायलों को कहां लेकर गई। अन्यथा एम्बुलेंस को तलाश कर पाना मुश्किल होता है। मैनेजर गौतम ने बताया कि भोपाल स्थित कंट्रोल रूम पर संपर्क करने के बाद शाम तक पता चल पाएगा कि कौन सी एम्बुलेंस घायलों लो लेकर गई थी।
रिपोर्ट विकास त्रिवेदी