मध्य प्रदेश के व्यापमं घोटाले में सीबीआई के विशेष न्यायाधी नीतिरात सिंह सिसोदिया ने पांच आरोपियों को अवैध रूप से प्रवेश दिलाने के दोषी पाया। इसके बाद पांचों आरोपी को सात-सात साल की सजा और 10-10 हजार रुपए का अर्थ दंड लगाया गया। इन पांच में से चार मध्यस्थ थे। इसमें राकेश कुमार पतिा धनवरी प्रसाद, दूसरा हार्दिक पटेल पिता महेश पटेल, तीसरा श्रवण सोनार पिता तिलक सोनार और चौथा धनंजय पिता दरोगा सिंह और एक सोल्वर मुकेश मौर्य पिता रामकेवल मौर्य शामिल है। यह आरोपी पीएमटी वर्ष 2013 में प्रवेश दिलाने के दोषी थे। इस मामले में सीबीआई लोक अभियोजक मनुजी उपाध्याय ने प्रकरण की पैरवी की।