नर्मदा नदी पर बना मोरटक्का पुल पर कल तक बंद रहेगा आवागमन तीन दिन में पूरी होगी जांच, पहले दिन जांची वायब्रेशन फ्रीक्वेंसी
इंदौर। इंदौर-इच्छापुर हाईवे पर मोरटक्का में नर्मदा नदी पर बने पुल से तीन माह से प्रतिबंधित भारी वाहनों की आवाजाही शुरू करने के लिए एनएचएआई द्वारा इसकी मजबूती जांची जा रही है। इससे पुल से गुरुवार से शनिवार तक सभी वाहनों की आवाजाही बंद कर दी गई। गुरुवार को जीएसआईटीएस इंदौर के इंजीनियरों की टीम ने पुल की जांच लोड टेस्टिंग से शुरू की। वर्षाकाल में नर्मदा नदी में बाढ़ के दौरान दो दिन नर्मदा पुल जलमग्न रहने से क्षतिग्रस्त हो गया था। इसकी मरम्मत का कार्य करीब एक माह चला था। एनएचएआई द्वारा पुल से वाहनों की आवाजाही शुरू करने से पूर्व इसकी जांच जीएसआईटीएस की तकनीकी टीम से करवाई गई थी। उम्रदराज पुल की जांच उपरांत टीम ने इस पर दस टन से अधिक क्षमता के वाहन की आवाजाही रोकने की अनुशंसा की दी।
इसके चलते एनएचएआई की रिपोर्ट पर जिला प्रशासन ने पुल से भारी वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित कर दी थी। इस कारण डीजल-पेट्रोल, गैस सिलिंडर सहित अन्य सामग्री का परिवहन करने वाले भारी वाहनों को इंदौर से खरगोन होते हुए देशगांव से आवाजाही करने में करीब 100 किमी का अतिरिक्त फेरा लग रहा है। इसे देखते हुए स्थानीय व्यापारियों और चेंबर आफ कामर्स की ओर से मोरटक्का पुल से भारी वाहनों की आवाजाही शुरू करने की मांग की जा रही थी। एनएचएआई ने इसकी कवायद शुरू कर दी है। तीन दिन के लिए मोरटक्का पुल बंद रहने पर हल्के वाहन और बस एक्वाडक्ट पुल से आवागमन करेंगे। एक्वाडक्ट एप्रोच की बदहाली की वजह से वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
लोड टेस्टिंग की जा रही
मोरटक्का पुल की लोड टेस्टिंग में पहले दिन डंपरों को लोड क्षमता के अनुसार निकालकर पुल पर होने वाली वायब्रेशन की फ्रीक्वेंसी को वायब्रेशन एनालाइजर द्वारा मापा गया। गुरुवार दोपहर करीब तीन बजे इसे बंद किया गया। इंदौर के एसजीएसआइटीएस कालेज के सिविल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के एचओडी डा. विजय रोड़े और प्रोफेसर विवेक तिवारी इंजिनियर के मार्गदर्शन में विशेषज्ञ प्रोफेसर की टीम द्वारा पुल की जांच शुरू की गई।
डा. रोड़े ने बताया कि तीन दिनों की लोड टेस्टिंग में पहले दिन पुल पर भारी वाहनों को निकालकर इससे पुल पर होने वाली वायब्रेशन की फ्रिक्वेंसी को वायब्रेशन एनालाइजर द्वारा मापा गया है। इसके बाद दूसरे दिन शुक्रवार को लगातार डंपर गुजारे जाएंगे। इसके साथ ही उन्हें पुल पर जगह-जगह खड़ा कर पुल पर इसके पड़ने वाले लोड या डिफ्लेक्शन को मापा जाएगा।