भारतीय हिन्दू लड़के और एक पाकिस्तानी मुस्लिम लड़की के प्रेम संबंध के इर्द-गिर्द घूमता नाटक “बेहद नफ़रत के दिनों में”
दैनिक अवन्तिका
उज्जैन। अभिनव रंग मंडल द्वारा आयोजित 38वें राष्ट्रीय नाट्य समारोह में शुक्रवार को वरिष्ठ पत्रकार श्री गिरजा शंकर को 11,000 की राशि का “राष्ट्रीय अभिनव कला समीक्षा सम्मान” प्रदान किया गया। अभिनव रंग मंडल प्रमुख शरद शर्मा ने बताया कि कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन कर मातृशक्तियो ने किया। सर्वप्रथम वरिष्ठ कांग्रेस नेता मनोहर बैरागी, प्रो, गोपाल शर्मा द्वारा वरिष्ठ पत्रकार गिरीजाशंकर को शाल, श्रीफल, पुष्पमाला पहनाकर सम्मानित किया। तत्पश्चात दौलत वैद्य द्वारा निर्देशित नाटक “बेहद नफ़रत के दिनों में” का मंचन हुआ। यह नाटक भारतीय हिन्दू लड़के और एक पाकिस्तानी मुस्लिम लड़की के प्रेम संबंध के इर्द-गिर्द घूमता है। एक सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट पर मिले लड़के लड़की को चैटिंग के दौरान धीरे-धीरे एक दूसरे का साथ अच्छा लगने लगता है और दोनों को एक- दूसरे से प्रेम हो जाता है। लड़के के पिता हिन्दू उदारवादी संगठन में पदाधिकारी हैं जबकि लड़की का भाई धार्मिक कट्टरपंथी है जो तालिबान का सदस्य भी है। उनकी पृष्ठभूमि को देखते हुए इस युगल के दोस्त उनकी धार्मिक पहचान को उनके परिवारजनों से छिपाकर उनका विवाह करवा देते हैं लेकिन लड़की का भाई विवाह के बाद जब अपनी बहन की ससुराल जाता है तो सच्चाई का खुलासा होता है। दोनों परिवार अब और भी अधिक नफरत और धर्मांधता से भर जाते हैं। यह नाटक एक ऐसे विश्व की कल्पना करता है जिसमें सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट के जरिए देशों और संप्रदायों के बीच गलत धारणाएं खत्म की जा सकती हैं और एक नए विश्व का निर्माण हो सकता है। डायरेक्टर- दौलत वैद, सूत्रधार उज्ज्वल, दिव्यांश, सुधांशु रहे। श्योजीत कोरस, आदित्य राजेन्द्र राठौड़,
गिरीश यादव/ अभिषेक मुद्गल : बाबूजी, गजानंद राठौड़, सारिका: शाइस्ता, फहीम खान, रौशिक : मौलवी सुबहान, विवेक : हिदायतुलाह खान, अनुश्री : राठौड़ की माँ, दक्ष : फरहान, गरिमा सिंह राजावत: शाइस्ता की अम्मी, आकाश: फरदीन, खुशी : नृतिका, फैज़ान : मौलवी का छोटा भाई की भूमिका निभाई। मंच पार्श्व : प्रोडक्शन, लाइट अस्सिस्टेंट : केशव, वस्त्रविन्यास – गरिमा सिंह राजावत, खुशी गोस्वामी, मंच प्रबंधन : सावन जांगिड़, अभिषेक मुद्गल, दिव्यांश प्रस्तुति नियंत्रण एवं संगीत संचालन : सावन कुमार जांगिड़, प्रस्तुति सहयोग : प्रोग्रेसिव फोरम संस्था मार्गदर्शन : सरताज नारायण माथुर, मूल कहानीकार : मुशर्रफ आलम जौकी, प्रस्तुति : रंग संस्कार की रही। आज शहीद उधम सिंह आजाद का मंचन होगा।