जीएसटी अफसर बनकर की ठगी…GST कमिश्नर को की शिकायत

 

उज्जैन। मध्यप्रदेश के अलग-अलग शहरों में इन दिनों जीएसटी विभाग के अफसर बनकर कुछ नकली टीम शहर के बाहरी इलाकों में खड़े होकर ट्रकों को रोक रही है और उनसे लाखों रुपये की मांग की जा रही है।

जीएसटी अफसर बनकर उज्जैन के बाहरी इलाकों पर खड़े होकर ट्रकों को रोका जा रहा है और उन्हें डरा धमकाकर मोटी रकम वसूलने के लिए फर्जी टीम सक्रिय है। उज्जैन सहित प्रदेश में हुई तीन शिकायतों के बाद प्रदेश जीएसटी विभाग पुलिस की मदद से ठगों का पता लगाने में जुटी है।

मध्यप्रदेश के अलग-अलग शहरों में इन दिनों जीएसटी विभाग के अफसर बनकर कुछ नकली टीम शहर के बाहरी इलाकों में खड़े होकर ट्रकों को रोक रही है और उनसे लाखों रुपये की मांग की जा रही है। उज्जैन के आगर रोड पर 17 दिसंबर को एक ट्रक को रोककर इस तरह की वारदात की गई। इसी तरह की दो वारदात और भी अन्य शहरों में होने के बाद व्यापारियों के अलग-अलग यूनियन ने इसकी शिकायत स्टेट जीएसटी विभाग को की है। विभाग द्वारा पुलिस की मदद ली गई है। पुलिस को भी इस मामले में एक मोबाइल नंबर मिला है। एक महीने में ऐसी तीन वारदातें हो चुकी हैं। पहली लिखित शिकायत स्टेट जीएसटी कमिश्नर के पास गुरुवार को पहुंची।

व्यापारियों को भी सावधान रहने की दी जा रही सलाह

व्यापारी एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि जीएसटी विभाग हेल्पलाइन नंबर जारी करें, ताकि व्यापारी ऐसी घटना होने पर शिकायत दर्ज करवा सकें। माल परिवहन करने वाले ट्रांसपोर्टर और व्यापारियों को सावधान रहने की जरूरत है।

17 दिसंबर को उज्जैन में हुई थी वारदात

प्लायवुड एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेंद्र बाफना ने कहा कि 17 दिसंबर को प्लायवुड से भरी एक गाड़ी को उज्जैन-आगर रोड पर रोका गया। रोकने वालों ने खुद को जीएसटी अधिकारी बताया। चार से ज्यादा लोगों ने बिल जांचें और फिर अंडर बिलिंग होने की बात कहकर ड्राइवर को कार्रवाई की धमकी दी थी। गाड़ी छोड़ने के एवज में एक लाख रुपये मांगे गए। ड्राइवर ने इंदौर में खबर दी। इस पर उनसे बात की तो गाड़ी रोकने वालों ने खुद का नाम एसके बंसल बताया और उज्जैन जीएसटी में पदस्थ होना बताया। टैक्स लॉ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्विन लखोटिया के अनुसार, मैंने उस व्यक्ति से बात की तथा विभाग में पता किया तो इस नाम का कोई अधिकारी नहीं था। वे ड्राइवर को थाने ले जाने और गाड़ी जब्त करने की धमकी देते रहे। इस बीच ड्राइवर द्वारा पुलिस बुलाने का शक हुआ तो वे चुपचाप रवाना हो गए। प्रतिनिधियों ने ठग का मोबाइल नंबर भी शिकायत के साथ जीएसटी कमिश्नर को सौंपा।

इस मामले में लोकेश कुमार जाटव, स्टेट जीएसटी कमिश्नर का कहना है कि विभागीय अफसरों के पास उनके आईडी कार्ड होते हैं। पूर्व से निर्देश हैं कि वे कार्रवाई के समय उसे पहनकर रखें। अभी जो मामले सामने आए हैं वे आपराधिक श्रेणी के हैं। विभाग अपने स्तर पर कार्रवाई कर रहा है। संबंधित व्यापारियों को भी पुलिस में शिकायत करने और कार्रवाई के लिए कहा गया है।