मंत्रिमंडल विस्तार की हरी झंडी , पर कुछ नामों पर उलझन
इंदौर- भोपाल जैसे संभागों में कई सशक्त दावेदार, उज्जैन संभाग के ग्रामीण से हो सकता है एक मंत्री
उज्जैन / भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मंत्रिमंडल का विस्तार जल्द ही होने के आसार हैं। कल मुख्यमंत्री मोहन यादव और दोनों उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल तथा जगदीश देवड़ा ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह सहित कई बड़े नेताओं तथा मंत्रियों से मुलाकात की। बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी तथा केंद्रीय गृहमंत्री शाह ने मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर हरी झंडी दे दी है। कुछ नाम पर अभी भी विचार चल रहा है, जिसके कारण मंत्रिमंडल विस्तार में कुछ देरी हो रही है। दरअसल, भाजपा की पॉलिसी यह है कि वह आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए हर संभाग से कम से कम एक विधायक को मंत्री बनाया जाए, परंतु इंदौर- भोपाल सहित कुछ ऐसे भी संभाग हैं जहां कई-कई सशक्त दावेदार हैं। इसके साथ ही उन नाम पर भी पेंच उलझा हुआ है, जिन्हें केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा देकर चुनाव लड़वाया गया था। ऐसे नेताओं में प्रहलाद पटेल का नाम भी शामिल है। उज्जैन संभाग में ग्रामीण क्षेत्र से किसी विधायक को मंत्री बनाया जा सकता है।
इंदौर में कई दावेदार
इंदौर संभाग में ही कई सशक्त दावेदार हैं। सिर्फ इंदौर जिले की ही बात करें तो भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, शिवराज सरकार में मंत्री रहे और सिंधिया के खास तुलसी सिलावट, शिवराज सरकार में ही मंत्री रहीं उषा ठाकुर, लगातार चुनाव जीतते आ रहे रमेश मेंदोला, श्रीमती मालिनी गौड़ के अलावा पूर्व मंत्री महेंद्र हार्डिया भी सशक्त दावेदारों में शामिल है। भोपाल में श्रीमती कृष्णा गौर, रामेश्वर पटेल के नाम भी चर्चा में हैं।
फिफ्टी- फिफ्टी चांस
दरअसल, जिस ढंग से सभी को नजरअंदाज कर तीसरी पंक्ति से उठाकर डॉ. मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाया गया, इसके बाद से कई बड़े सशक्त दावेदार भी फिफ्टी- फिफ्टी चांस की कंडीशन में आ गए हैं। वह खुद ही पूरा भरोसा नहीं कर पा रहे हैं कि उन्हें मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी या नहीं।