मानव जाति के उद्धार लिये हुआ था प्रभु यीशु का जन्म आज रात 12 बजे कैथोलिक चर्च में मनाया जाएगा क्रिसमस का जश्न
दैनिक अवन्तिका उज्जैन। क्रिश्चियन समाज के सबसे बड़े पर्व क्रिसमस का जश्न आज रात 12 बजे मनाया जाएगा। इससे पहले विशेष प्रार्थना सभा होगी। रात 10 बजे से समाजजन मारिया नगर कैथोलिक चर्च में एकत्रित होना शुरू हो जाएगें। शनिवार को चर्च के धर्माध्यक्ष ने प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की और बताया कि प्रभु ईसा मसीह का जन्म मानव जाति के उद्धार के लिये हुआ था। प्रभु ईसा का मुख्य संदेश प्रेम था।क्रिसमस पर्व को लेकर क्रिश्चियन समाज द्वारा पिछले 15 दिनों से तैयारियां की जा रही थी। समाजजनों ने 17 दिसंबर को प्रभु यीशु के जन्म उत्सव का संदेश देने के लिये जुलूस भी निकाला था, वहीं ईसाई धर्म से जुड़े अनुयायियों के यहां केरोल्स गीत गाये जा रहे थे। अब सबसे बड़े पर्व को मनाने का समय करीब आ चुका है। आज रात 12 बजे मारिया नगर कैथोलिक चर्च में जश्न मनाया जाएगा। उससे पहले विशेष प्रार्थना सभा होगी। चर्च के धर्माध्यक्ष सेबास्टियन वडेक्कल ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर बताया कि प्रभु ईसा का जन्म मावन जाति के उद्धार के लिये हुआ था। उनके जन्म का संदेश प्रेम था। जहां प्रेम है, वहां भाईचारा है, शांति है, सुख है और समृद्धि है। चर्च के जनसंपर्क अधिकरी फादर जोस पुल्लाट ने क्रिसमस पर्व को लेकर बताया कि 24 दिसंबर की रात 11.30 बजे विशेष प्रार्थना होगी, उसके बाद चर्च परिसर में ही जुलूस निकालकर प्रभु यीशु की जन्म स्मरण की विधि को दोहराया जाएगा। उसके बाद जश्न की शुरूआत होगी। केक काटकर एक-दूसरे को बधाई दी जाएगी। सोमवार सुबह 8.30 बजे फिर विशेष प्रार्थना सभा की जाएगी। उसके बाद शाम चर्च परिसर में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। मसीही मंदिर चर्च में सोमवार को मनाया जाएगा पर्व
कैथोलिक चर्च के साथ ही देवासरोड आईजी बंगले के समीप मसीही मंदिर चर्च में सोमवार 25 दिसंबर की सुबह क्रिसमस पर्व की आराधना होगी। चर्च भवन को विद्युत रोशनी के साथ आकर्षक रूप से सजाया गया है। प्रार्थना सभा के बाद दिनभर पर्व की खुशियां मनाई जाएगी और एक-दूसरे को गले लगाकर बधाई देने का सिलसिला जारी रहेगा। चर्च में विशेष प्रार्थना सभा की अगुवाई पास्टर संदीप आर्थर द्वारा की जाएगी। इस दौरान पवित्रगं्रथ बाइबल के अनुसार प्रभु यीशु के जन्म के संदेश समाजजनों को सुनाया जाएगा। 26 दिसंबर से चर्च परिसर में ही खेलकूद प्रतियोगिताओं की शुरूआत होगी। 32 दिसंबर की रात केम्प फायर के साथ मध्यरात्रि की आराधना की जाएगी। नववर्ष के प्रथम दिन की संध्या पर क्रिसमस पर्व का समापन होगा।