पवित्र नगरी व शिप्रा के लिए अन्न त्यागने वाले संत की तबीयत बिगड़ी
– अस्पताल में चढ़वाई बाटल, अंगारेश्वर आश्रम में जारी महामंलेश्वर का आंदोलन
दैनिक अवंतिका उज्जैन। उज्जैन को पूर्ण रूप से पवित्र नगरी घोषित किए जाने तथा शिप्रा शुद्धिकरण की मांग को लेकर पिछले कई दिनों से अन्न त्यागकर मौन रूप से आंदोलन करने वाले संत महामंडलेश्वर श्री ज्ञानदास महाराज की तबीयत बिगड़ रही है।
शनिवार को उन्हें आश्रम के शिष्यगण एवं उनके अनुयायी उपचार हेतु इंदिरानगर क्षेत्र के अस्पताल भी ले गए थे। जहां चिकित्सकों ने जांच के बाद उन्हें बॉटल भी चढ़ाई। इसके बाद हालत में सुधार के बाद उन्हें मंगलनाथ मंदिर के पीछे अंगारेश्वर महादेव मंदिर के पास स्थित श्री दादूराम आश्रम में लाया गया जहां संत का आंदोलन अब भी जारी है। उन्होंने इसकी शुरुआत गत 16 नवंबर से की थी। इसके बाद से ही वे लगातार आंदोलन जारी रखने के लिए अन्न त्यागे हुए है। वे प्रतिदिन आहार के रूप में सिर्फ नारियल पानी, दूध व सादा पानी ही ग्रहण कर रहे हैं। अन्न नहीं लेने की वजह से अब उनकी हालत बिगड़ने लगी है। इसके चलते ही उन्हें अस्पताल ले जाया गया था। उपचार के बाद वे विश्राम हेतु वापस आश्रम आ गए। यहीं पर उनके शिष्यगण, अनुयायी एवं भक्त आदि उनसे मिलने पहुंच रहे हैं। संतश्री ने कहा कि शासन-प्रशासन द्वारा उज्जैन को जब तक कानून बनाकर पूर्ण रूप से पवित्र नगरी घोषित नहीं किया जाता तथा शिप्रा में मिल रहे नालों को नहीं रोका जाता वे अपना यह आंदोलन जारी रखेंगे।