उज्जैन के सांदीपनि आश्रम में द्वापरयुग जैसी दिखेगी श्रीकृष्ण की पाठशाला
उज्जैन। मध्य प्रदेश संस्कृति विभाग करा रहा निर्माण, 20 रुपये प्रवेश शुल्क रहेगा, भक्तों को ग्रामयुगीन गुरुकुल परंपरा के दर्शन होंगे.धर्मधानी उज्जैन में धार्मिक पर्यटन को नए पंख लगने जा रहे हैं। मध्य प्रदेश संस्कृति विभाग द्वारा भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा स्थली सांदीपनि आश्रम में द्वापरयुग के समान भगवान की पाठशाला विकसित की जा रही है। यहां आकर भक्तों को ग्रामयुगीन गुरुकुल परंपरा के दर्शन होंगे। नए साल 2024 में भक्त इसके दर्शन कर सकेंगे. इसके लिए भक्तों को 20 रुपये शुल्क चुकाना पड़ेगा।
मान्यता है कि द्वापरयुग में भगवान श्रीकृष्ण अपने बड़े भाई बलदाऊ के साथ उज्जैन के सांदीपनि आश्रम में शिक्षा ग्रहण करने आए थे। भगवान गुरु आश्रम में 64 दिन रहे। इस दौरान उन्होंने गुरु सांदीपनि से 16 कला व 64 विद्या का ज्ञान प्राप्त किया । आज भी सैकड़ों भक्त यहां भगवान श्रीकृष्ण व पाठशाला के दर्शन करने आते हैं। वर्तमान में सांदीपनि आश्रम में भक्तों को मुनि सांदीपनि से शिक्षा ग्रहण करते भगवान बलराम, श्रीकृष्ण व सुदामाजी के दर्शन होते हैं। लेकिन पाठशाला का स्वरूप नजर नहीं आता है। आश्रम में कृष्णकाल को जीवंत करने के लिए मप्र संस्कृति विभाग द्वारा परिसर में गोमती कुंड के समीप पुरातन स्वरूप में गुरुकुल का निर्माण कराया जा रहा है ।
विभाग द्वारा यहां आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सुविधा घर, कैंटीन आदि का निर्माण कराया जा रहा है। भगवान श्रीकृष्ण से जुड़ी वस्तुओं का विक्रय केंद्र भी स्थापित किया जाएगा ।