गंभीर डेम एवं क्षिप्रा नदी का जल संरक्षित घोषित

दैनिक अवन्तिका उज्जैन शहर की जलप्रदाय व्यवस्था का मुख्य स्त्रोत गंभीर जलाशय है, जिसकी पूर्ण संग्रहण क्षमता 2250 एम.सी.एफ.टी. है। इस वर्ष हुई वर्षा के कारण बांध में पूर्ण क्षमता 2250 जल का संग्रहण हुआ है गंभीर बाधं में भण्डारित जल को आगामी वर्षाकाल तक उज्जैन शहर की जलप्रदाय व्यवस्था हेतु सुरक्षित रखे जाने हेतु जिला कलेक्टर द्वारा गंभीर डेम एवं क्षिप्रा नदी का जल संरक्षित घोषित किया है। महापौर श्री मुकेश टटवाल, निगम अध्यक्ष श्रीमती कलावती यादव, जलकार्य एवं सीवरेज प्रभारी श्री प्रकाश शर्मा द्वारा गंभीर डेम एवं क्षिप्रा नदी के जल को संरक्षित घोषित किए जाने पर प्रसन्ना व्यक्त की एवं कहा कि हमने पूर्व में भी प्रयास किए थे कि शहरवासियों को पेयजल प्रदाय व्यवस्था में किसी भी प्रकार की असुविधा ना हो।  नगर निगम आयुक्त श्री रौशन कुमार सिंह द्वारा भी जिला कलेक्टर श्री कुमार पुरूषोत्तम को अवगत कराया गया था कि गंभीर बांध के भराव क्षेत्र में दोनो किनारों पर स्थित ग्रामों के कृषकों द्वारा रबी सीजन की सिचाई हेतु नदी के दोनों किनारों पर सीधे मोटरें रखकर अथवा अस्थाई पाईपलाईन के माध्यम से अवैध रूप से पानी लिया जाता है। अतः आगामी ग्रीष्मकाल में उज्जैन शहर को पेयजल संकट से बचाने हेतु गंभीर बांध के अपस्ट्रीम में संग्रहित जल को सुरक्षित रखने हेतु पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 के प्रावधानों को लागू किया जाना आवश्यक है। गंभीर नदी क्षैत्र में उज्जैन तहसील अन्तर्गत फाजलपुरा, खरेट, नलवा, सेमदिया, असलाना, खेमासा, एरवास, कडारिया, भेरूखेडा, पारदीखेडा, अजराना, टकवासा, घटिया तहसील अन्तर्गत अबोंदिया, बडवई, बडनगर तहसील अन्तर्गत कंथारखेडी, बमनापाती, मतांगना, छानखेडी, खडोतिया, चिकली, भोंडोवास, ब्राहमण बडोदा, निम्बोदा, नाहरखेडी ग्राम शामिल है।  जिला कलेक्टर श्री कुमार पुरूषोत्तम द्वारा जनसाधारण को घरेलू प्रयोजन के लिये जल उपलब्ध कराने की दृष्टि से गंभीर डेम व क्षिप्रा नदी के जल को संरक्षित करना उचित पाते हुए पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 03 में उपलब्ध प्रावधानों के अनुसरण में जनसाधारण को घरेलु प्रयोजन के लिए जल उपलब्ध कराने की दृष्टि से गंभीर डेम एवं क्षिप्रा नदी के जल को संरक्षित घोषित करते हुए उससे लगे उपरोक्त उल्लेखित ग्रामों को केंवल पेयजल के लिये प्रयोग की अनुमति देते हुए एवं मध्य प्रदेश पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 04 में उपलब्ध प्रावधानों के तहत गंभीर डेम क्षिप्रा नदी से जल को अन्य किसी प्रयोजन यथा सिंचाई एवं औद्योगिक प्रयोजन के उपयोग हेतु निषिद्ध किया गया है।  नगर पालिक निगम उज्जैन सबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) यह सुनिश्चित करेंगे की जल का उपयोग केवल घरेलू प्रयोजन के लिये हो, इस उददेश्य से जल के उपयोग के लिए विविध तरीको पर सतत् निगरानी रखेंगे। यह उनका उत्तरदायित्व होगा कि, वे अन्य प्रयोजन के लिये उन्हे उनके अधिकार क्षेत्र में जल उपयोग करते हुए पाए जाने की स्थिति में म.प्र. पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 अथवा इस विषय पर प्रभावशील अन्य उपबंधो के अधीन वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित करें। साथ ही नगर पालिक निगम, उज्जैन राजस्व विभाग एवं विद्युत मंडल के दल गंभीर जलाशय नदी पर चल रहे या चलने वाले अवैध पंपो को जब्त करने की कार्यवाही करेंगे आदेश का उल्लघन किये जाने पर म.प्र. पेयजल अधिनियम 1986 की धारा 09 के प्रावधान आकृष्ट होंगे, जिसके अतंर्गत आदेश का उल्लंघन सिद्व पाये जाने पर दो वर्ष का कारावास अथवा दो हजार का जुर्माना अथवा दोनो से दंडित किये जाने का प्रावधान है।