21 माह बाद महाकाल का गर्भगृह आम श्रद्धालु के लिए खुला

मंदिर प्रशासक ने सर्वप्रथम पंडे-पुजारियों के साथ जाकर भगवान को जल-दूध चढ़ाकर कराई दर्शन की शुरुआत

21 माह बाद महाकाल का गर्भगृह आम श्रद्धालु के लिए खुला

ब्रह्मास्त्र उज्जैन। करीब 21 माह के लंबे अंतराल के बाद विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर के गर्भगृह में सोमवार से आम प्रवेश शुरू हो गया।पहले दिन सुबह 7.30 बजे की आरती में महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने पंडे-पुजारियों के साथ गर्भगृह में जाकर भगवान महाकाल को जल-दूध चढ़ाकर दर्शन की शुरुआत कराई।

इस दौरान संघ के पूर्व संघचालक भैयाजी जोशी भी प्रमुख रूप से मौजूद रहे। इसके बाद आम श्रद्धालुओं ने लाइन में लगकर नंदीहॉल से होते हुए गर्भगृह में प्रवेश कर दर्शन किए। इस दौरान समिति के अधिकारियों व कर्मचारियों ने कोविड 19 की गाइड लाइन का पूरा पालन कराया। हालांकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सही तरीके से नहीं कराया जा सका। लोग पास-पास में ही होकर लाइन में भीड़ के रूप में चल रहे थे। मार्च 2020 में गर्भगृह में प्रवेश बंद कर दिया गया था। इसके बाद अब लोगों को अंदर गर्भगृह में जाकर भगवान महाकाल का स्पर्श कर दर्शन करने व जल चढ़ाने का मौका मिला। हालांकि अब भी श्रद्धालुओं को गर्भगृह में अभिषेक-पूजन करने व पूजा सामग्री चढ़ाने की अनुमति नहीं दी गई है। वहीं भस्मारती में भी श्रद्धालु गर्भगृह में प्रवेश नहीं कर सकते हैं। केवल बाहर बैठकर आरती देखने की ही अनुमति है। गर्भगृह में प्रवेश के लिए पुरुषों को धोती-सोला व महिलाओं को साड़ी पहनना अनिवार्य है। नवंबर में मप्र शासन ने कोरोना के सभी प्रतिबंध समाप्त कर देने के बाद मंदिर प्रबंध समिति ने 25 नवंबर की बैठक में 6 दिसंबर से गर्भगृह में श्रद्धालुओं को प्रवेश देने का निर्णय लिया था। इसके लिए नई गाइड लाइन बनाने के लिए समिति ने उप समिति भी गठित की थी। समिति की अनुशंसा के बाद ही सोमवार से नियम पालन के साथ आम प्रवेश शुरू किया गया।