प्रदूषित पानी छोडऩे के मामले में 27 उद्योगों पर गाज
इन्दौर। कान्ह नदी में प्रदूषित पानी छोडऩे के मामले में प्रदूषण नियंत्रण विभाग की कड़ी कार्रवाई के चलते शहर के 27 उद्योगों पर गाज गिरी है। प्रदूषण नियंत्रण विभाग ने 7 उद्योगों को बन्द करने और इसके अतिरिक्त 16 उद्योगों को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं। इनमें से 4 उद्योगों के बिजली कनेक्शन काटने के आदेश जारी हो चुके हैं।
मकर संक्रांति पर श्रद्धालुओं के स्नान के लिए शिप्रा में साफ, स्वच्छ और शुद्ध पानी की व्यवस्था के चलते नगर निगम ने इंदौर के 71 उद्योगों को सख्त चेतावनी दी थी कि वे कान्ह में प्रदूषित पानी न बहाए। इस मामले में पिछले दिनों प्रदूषण नियंत्रण विभाग और उद्योग संचालकों के साथ नगर निगम ने संयुक्त बैठक की थी। तब निगम ने उद्योग संचालकों से साफ-साफ कह दिया था कि कान्ह में कौन-कौन से उद्योग प्रदूषित पानी मिलाते हैं, उन सबको चिन्हित कर नगर निगम सूची तैयार कर चुका है। अभी तो हम सिर्फ समझाइश ही दे रहे थे। यदि नहीं माने तो कड़ी कार्रवाई होगी ।
कनेक्शन काटने के निर्देश
जिन 27 उद्योगों पर कार्रवाई की है, उनमें से 2 उद्योग, बरदरी औद्योगिक क्षेत्र, 2 उद्योग सेक्टर ए और सेक्टर डी में है तो बाकी 23 में अधिकांश उद्योग सांवेर रोड इंडस्ट्रियल एरिया के ही हैं। जिन उद्योगों को बन्द करने के नोटिस दिए हैं, उनके बिजली कनेक्शन काटने के लिए विद्युत कम्पनी को कहा गया है। इनमें साईं मशीन टूल्स, विद्युत इलेक्ट्रो प्लेटेड, संध्या इंटरप्राइजेस और हर्षिता इंटरप्राइजेस शामिल हैं।
5 लाख लीटर प्रदूषित पानी
हालांकि अधिकांश उद्योग संचालकों का कहना है एसटीपी से पानी शुद्ध कर नगर निगम के कॉमन एसटीपी तक पहुंचाने के लिए लगभग 190 से ज्यादा उद्योगों ने पंजीयन करवाया है। इनका केवल लगभग 5 लाख लीटर प्रदूषित पानी निकलता है, जबकि नगर निगम बिना ट्रीटमेंट के कान्ह में हर रोज 10 करोड़ लीटर पानी छोड़ता है।