बेगमबाग कॉलोनी में हो गया हादसा पतंग निकल रहे बालक को लगा हाई वोल्टेज करंट – जिला अस्पताल से शव लेकर निकले परिजन, पुलिस समझकर वापस लौटी
दैनिक अवंतिका(उज्जैन) पतंगबाजी के दौरान प्रतिबंधित चाइना डोर से हादसा ना हो इसको लेकर प्रशासन और पुलिस अलर्ट थी। दिनभर कोई अप्रिय खबर सामने नहीं आई लेकिन शाम ढलने से पहले पतंग एक बालक की जान की दुश्मन बन गई। बालक को हाई वोल्टेज का करंट लगा था। परिजन अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।मामला महाकाल थाना क्षेत्र के बेगम बाग कॉलोनी का होना सामने आया है। अल्फेज पिता जावेद 12 वर्ष घर की छत से पतंग उड़ा रहा था। छत के समीप से हाईटेंशन लाइन गुजर रही थी। जिसमें अल्फेज की पतंग उलझ गई। काफी मशक्कत के बाद पतंग नहीं निकली तो अल्फेज ने छत पर रखे लकड़ी के डंडे से पतंग निकालने का प्रयास किया। डंडे में लोहे का तार लगा था जो हाईटेंशन लाइन से टकरा गया और अल्फेज को करंट का जोरदार झटका लगा। उसकी सांसे छत पर ही थम गई। आसपास पतंग उड़ा रहे बच्चों ने हादसा देखा तो शोर मचाया। परिजन अल्फेज को जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। डॉक्टर ने परीक्षण के बाद मृत घोषित कर दिया। बालक का शव पोस्टमार्टम कक्ष में रखने की बात कही गई लेकिन परिजन बालक को लेकर रवाना हो गए। इमरजेंसी कक्ष से ड्यूटी कंपाउंडर ने मामले की जानकारी पुलिस को दी। करीब 1 घंटे बाद पता चला कि बालक को परिजन निजी अस्पताल लेकर पहुंचे हैं। पुलिस पहुंची तो परिजनों ने पोस्टमार्टम से मना कर दिया। काफी समझाइश के बाद देर शाम बालक की बॉडी जिला अस्पताल के पोस्टमार्टम कक्ष तक लाई गई। पुलिस ने मामले में मर्ग कायम कर घटनास्थल की तस्दीक की। चाइना डोर से मौत की फैली खबर पतंगबाजी के दौरान हुई करंट लगने से बालक की मौत का मामला जिला अस्पताल पहुंचा था। जहां बालक के परिजनों के साथ क्षेत्र वासियों की भीड़ जमा हो गई थी। इस बीच खबर फैल गई की बालक की मौत चाइना डोर से हुई है। खबर पर पुलिस भी हरकत में आ गई और तत्काल जांच पड़ताल शुरू की गई। मामला स्पष्ट होने पर पुलिस की ओर से प्रेस नोट रिलीज किया गया और घटना की सत्यता बताई गई। डोर से एक युवक हुआ घायल प्रशासन और पुलिस की सख्ती के चलते प्रतिबंधित चाइना डोर से रविवार दिन कोई बड़ा हादसा होना सामने नहीं आया। पुलिस की अपील के बाद आम लोगों ने भी चाइना डोर से दूरी बना ली थी। शाम को ग्रीन पार्क कॉलोनी में रहने वाला रिंकू पिता असलम खान 35 वर्ष जिला अस्पताल पहुंचा था। जिसके चेहरे पर आंख के ऊपर डोर से काटने के निशान थे। डॉक्टर ने उपचार के बाद रिंकू खान को डिस्चार्ज कर दिया। लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो पाया था कि उसके चेहरे पर प्रतिबंधित चाइना डोर से ही कट लगे हैं।