उज्जैन में शासन-प्रशासन के दावों की फिर खुली पोल

माधव नगर अस्पताल में फर्श पर लेटाकर, तो किसी मरीज को कुर्सी पर बैठाकर दी जा रही ऑक्सीजन
 उज्जैन। कुछ को फर्श पर लेटा कर ऑक्सीजन दी जा रही है, तो किसी को कुर्सी पर बैठा कर। सांस लेने की तकलीफ के बाद ओपीडी में भर्ती यह मरीज जीवन और मृत्यु के बीच संघर्ष कर रहे हैं। ये दृश्य हैं हाल ही में ऑक्सीजन की कमी के कारण मौत से कुख्यात हुए माधव नगर अस्पताल के। जिस ओपीडी में सर्दी खांसी के मरीज देखे जाते हैं, वहां पर ऑक्सीजन देकर जीवन बचाने की कोशिश तो हो रही है लेकिन यह मरीज संक्रमित भी हो सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो कई लोगों की जान खतरे में पड़ सकती है। इस बात से बेखबर माधव नगर अस्पताल के कर्ता-धर्ता कोरोना काल में एक बार फिर कई लोगों के जीवन से खेल रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यहां के मंत्री को उज्जैन के कोरोना से संबंधित मामलों में प्रभारी बनाया है। मंत्री जी सहित तमाम जिम्मेदार बार-बार बेहतर सुविधा देने की बात कर रहे हैं, परंतु हकीकत इससे एकदम जुदा है। अस्पताल में अव्यवस्था पूरी तरह दिखाई दे रही है। ऐसी स्थिति में अन्य इंतजाम किए जाने चाहिए थे, परंतु वह कहीं भी नजर नहीं आ रहे हैं।
दरसअल दैनिक अवन्तिका ब्रह्मास्त्र की टीम जब माधव नगर अस्पताल पहुंची तो, उज्जैन प्रशासन की पोल खुल गई। हमारी टीम ने माधव नगर अस्पताल में पहले की अव्यवस्था और नाकाम होते सिस्टम को अपने कैमरे में कैद कर लिया। यहां के नजारे बेहद डरावने और चिंतित कर देने वाले हैं। माधव नगर कोविड अस्पताल में बड़ी संख्या में सांस लेने की परेशानी के चलते कई मरीजों को ओपीडी में ही भर्ती कर फर्श पर लेटा दिया गयागया है। उन्हें वहीं पर ऑक्सीजन लगा दी गयी है। ऐसे एक दो नहीं कुल छः  मरीज हैं, जिनको ऑक्सीजन ओपीडी में दी जा रही है। जिसमे से एक को कुर्सी पर तो , शेष चार को फर्श पर लेटा कर ही इलाज किया जा रहा है।  अब ये हाल संभाग के माधव नगर अस्पताल में उस वक़्त है जब कल ही उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने माधव नगर अस्पताल का निरीक्षण किया था और सभी सुविधा देने के दावे किये थे। हालांकि इस मामले में वहां बैठे डाक्टर ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। ये वही अस्पताल है, जहा आक्सीजन की कमी के चलते कुछ मरीजों की मौत की खबर सामने आयी थी।