टूटने लगा महाकाल मंदिर का सबसे पुराना प्रशासक कार्यालय
– मंदिर में चल रहे स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के काम
– पूरी बिल्डिंग तोड़ने के बाद मैदन नजर आएगा
दैनिक अवंतिका उज्जैन। महाकाल मंदिर परिसर के अंदर बने सबसे पुराने प्रशासक कार्यालय में भी रविवार से तोड़फोड़ शुरू कर दी गई है। इसी कार्यालय के पास मंदिर प्रबंध समिति का कंट्रोलरूम भी बना था। जिसे पहले ही खाली कर लिया गया।
इसी बिल्डिंग में कभी दानपेटी भी खुलती थी। मंदिर के प्रशासक भी यहीं पर बैठा करते थे। आगे कोठार भी यहीं पर बना था। केश काउंटर से लेकर अन्य व्यवस्थाएं यहीं से संचालित होती रही। इसके बाद सिंहस्थ 2016 के पहले मंदिर के बाहर पुराने महाकाल प्रसूति गृह के पास नई बिल्डिंग का निर्माण किया गया। इसी नई बिल्डिंग में ये सारे ऑफिस भी स्थानांतरित कर दिए गए थे।
आधी बिल्डिंग खाली व आधी में चल रहे मंदिर के कार्यालय
यह पुरानी बिल्डिंग आधी खाली थी व कुछ कार्यालय अस्थाई रूप से चल भी रहे थे। हाल ही में जब इसे तोड़ने के आदेश हु तो पहले पूरी बिल्डिंग को खाली करा लिया गया था। स्मार्ट सिटी योजना के तहत ही मंदिर में चल रहे विस्तारीकरण के कार्य में इसे तोड़ा जा रहा है।
भोग, पुजारी कक्ष व महानिर्वाणी अखाड़े के पहले शिफ्ट कर चुके
इसी बिल्डिंग के नीचले हिस्से में मंदिर का भोग कक्ष था। शासकीय पुजारी एवं भस्मारती पुजारी का कक्ष बना हुआ था और महानिर्वाणी अखाड़े हुआ करता था। यहीं पर साधु-संत रहते थे। लेकिन बिल्डिंग तोड़ने के आदेश के बाद इन्हें भी एक-एक कर यहां से मंदिर परिर के अन्य क्षेत्र में शिफ्ट से कर दिया गया। अखाड़े को पीछे निर्गम गेट के पास की बिल्डिंग दे दी गई तो शासकीय पुजारी व भोग कक्ष आदि को कोटितीर्थ कुंड के ऊपर बनी देवासवालों की धर्मशाला में भेजा गया।