सिंचाई करने पर लगेगा… किसानों को बिल से करंट

उज्जैन। बिजली कंपनियां लाइन लॉस कम करने में पूरी तरह से असफल साबित हो रही हैं। इससे होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए एक बार फिर से कंपनियों ने अपने उपभोक्ताओं की जेब काटने के लिए बिजली दर वृद्धि का प्रस्ताव राज्य विद्युत नियामक आयोग को भेजा है। अहम बात यह है कि इसमें अमीरों को छोडक़र सभी को करंट का झटका देने की तैयारी की गई है।

हद तो यह है कि जहां एक ओर राज्य सरकार किसानों को तरह -तरह की राहत देने के प्रयासों में लगी हुई है, तो वहीं बिजली कंपनियों द्वारा किसानों को सिंचाई के लिए दी जाने वाली बिजली की दर में वृद्धि की तैयारी की जा रही है। बिजली कंपनियों द्वारा दायर याचिका में किसानों को दी जाने वाली बिजली का टैरिफ और फिक्स चार्ज में इजाफा किए जाने का प्रस्ताव आयोग को दिया है। गौरतलब है कि बिजली कंपनियों ने 2046 करोड़ के घाटे की भरपाई के लिए 3.86 फीसदी टैरिफ बढ़ाने की मांग विद्युत विनियामक आयोग से की है। इस पर आयोग द्वारा दावे- आपत्तियां बुलाई जा रही हैं। दावे-आपत्तियां 22 जनवरी तक ही स्वीकार की जाएंगी। इन पर सुनवाई 29 से 31 जनवरी तक की जानी है। इसके बाद आयोग नए टैरिफ का निर्धारण करेगा। नया टैरिफ प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं के लिए अप्रैल माह से लागू किया जाना प्रस्तावित है। दरअसल प्रदेश में कृषि उपभोक्ताओं को अस्थाई कनेक्शन दिए जाते हैं। इनका लोड बिजली कंपनियां फीडर से पताकर उसके हिसाब से बिजली का बिल देती हैं। अगर प्रस्तावित दर को स्वीकार कर लिया जाता है, तो कृषि उपभोक्ताओं को दी जाने वाली बिजली 35 पैसे प्रति यूनिट महंगी हो जाएगी। अभी कृषि उपभोक्ताओं को 750 यूनिट बिजली खपत पर 540 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिल भरना होता है। अगर प्रस्तावित टैरिफ लागू होता है, तो कृषि उपभोक्ताओं को 575 पैसे प्रति यूनिट की दर से भुगतान करना होगा। इसी तरह से कृषि उपभोक्ताओं के लिए अभी फिक्स चार्ज 68 रुपए मासिक देना होता है। जिसमें वृद्धि कर उसे 83 रुपये मासिक करने की तैयारी है। इससे कृषि उपभोक्ताओं को हर महीने 15 रुपए अतिरिक्त चुकाने होंगे।

Author: Dainik Awantika