जान की परवाह न जोखिम का डर… प्राइवेट सेक्टर नहीं कर रहा महिलाओं के स्वास्थ्य की कद्र

उज्जैन। योजनाओं का लाभ देने के लिए शासन खुद घर घर पहुंच रहा है । भारत संकल्प यात्रा संपूर्ण देश में सामाजिक न्याय के प्रति बेहतर काम कर रही है । समाज की मूल धाराओं से वंचित लोगों के लिए सरकार ने कई महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू कर रही रखी है । और उनका लाभ जनता कों मिले इस और प्रमुखता से कदम उठाए जा रहे हैं। लेकिन प्रायवेट स्तर पर इसका क्रियान्वयन ठीक तरीके से नहीं हो पा रहा है । शासन ने कई मौलिक सुविधाओं को प्राइवेट सेक्टर में बांट दिया है और प्राइवेट सेक्टर इस और काम भी कर रहा हैं। लेकिन प्राइवेट सेक्टर अपने यहां कार्यरत कर्मचारियों के प्रति किसी भी प्रकार की सहानुभूति नहीं रखता । प्राइवेट सेक्टर प्रोफेशनल तरीके से काम करता है ।लिहाजा वह किसी भी कर्मचारी के प्रति संवेदनशील नहीं है।


नगर पालिका निगम उज्जैन के पास 120 वहान है । इनमे आयशर डंपर और मैजिक शामिल इन वाहनों पर निगम के संविदा कर्मचारी काम करते हैं और वह बाजार से कचरा उठाते हैं । नील गंगा और MR-5 आगर मक्सी रिंग रोड मार्ग से इन वाहनों का आवागमन शुरू होता है । डोर टू डोर कचरा उठाने की व्यवस्था ग्लोबल वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी के हाथों में है । शहर के हर एक घर से कचरा एकत्रित करने के लिए कंपनी ने 100 से अधिक वाहन और 200 से अधिक
मजदूरों को तैनात कर रखा है। इन मजदूरों में अधिकांश आदिवासी क्षेत्र झाबुआ से आए युवा और युवतीयां शामिल है। और अधिकांश की उम्र 18 वर्ष से कम की है? । ड्राइवर के साथ में हेल्पर का काम करने वाली आदिवासी युवतियां अपनी जान जोखिम में में डालकर शहर के हर एक घर से कचरा उठाने का कार्य कर रही है। समय का अभाव और काम का बोझ इन कर्मचारीयों को गंभीर दुर्घटना की ओर धकेल रहा है । महिला कर्मचारी कचरा कलेक्ट करने वाले वाहनों पर असावधानी पूर्वक कार्य कर रही है जिससे दुर्घटनाओं की संभावना बन रही है । निजी कंपनी कर्मचारियों के प्रति सजग नहीं है न तों कर्मचारियों के पास कचरा उठाने के लिए हाथ में पहनने वाले ग्लोबस हैं, न मास्क और न हीं कोई सुरक्षा किट कर्मचारी शहर से उठाने वाले कचरे को अपने हिसाब से ही गाड़ियों में डंप करते है और ट्रैचीग ग्राउंड तक पहुंचाते हैं । कचरा उठाने वाले कर्मचारियों के प्रति किसी का भी ध्यान नहीं है । इस विषय को लेकर जब हमने निगम के स्वास्थ्य अधिकारी संजय कुलश्रेष्ठ से जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि जल्द ही कर्मचारियों के लिए सुरक्षा किट और अन्य सुविधाए जुटाई जाएगी साथ ही प्राइवेट कंपनी को भी सख्त दिशा निर्देश दिए जाएंगे ।

क्या कहता है श्रम विभाग….

सहायक श्रम आयुक्त बीपी सिंह का कहना है कि हमें अब तक इस प्रकार की कोई जानकारी नहीं थी लेकिन यह श्रम नियमों के विरुद्ध है मौके पर जाकर कानूनी कार्रवाई की जाएगी । संबंधित कंपनियों के खिलाफ जुर्माना किया जाएगा और श्रमिकों को प्राइवेट सेक्टर क्या सुविधा उपलब्ध करा रहा है इस बात की जानकारी ली जाएगी । सहायक श्रम आयुक्त ने यह भी कहा कि श्रम कानून के विरुद्ध अगर कंपनी में कोई भी काम होता नजर आया तो संबंधित कंपनी के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा ।

रिपोर्ट विकास त्रिवेदी