हरदा में हाहाकार
श्मशान बनी पटाखा फैक्ट्री में दूसरे दिन भी धधक रही आग, आज पहुंचेंगे मुख्यमंत्री
पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट के बाद राख हुए मलबे के ढेर को हटाने का कार्य जारी,
हरदा। जिला मुख्यालय हरदा से तीन किलोमीटर दूर बैरागढ़ गांव स्थित पटाखा फैक्ट्री में मंगलवार सुबह विस्फोट के बाद भीषण आग लग गई। करीब पौन घंटे तक रह-रह कर धमाके होते रहे। धमाके इतने जोरदार थे कि वहां मौजूद लोहे के उपकरण और कंक्रीट करीब दो सौ मीटर की परिधि में उछले। इससे भी तमाम लोग घायल हो गए। इस हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई है। जबकि 172 लोग घायल हुए हैं। जिन्हें विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। कई घायलों को इंदौर, भोपाल के अलावा आसपास के जिलों के अस्पतालों में ले जाकर भर्ती कराया गया है। मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय उच्चस्तरीय कमेटी गठित की है। मुख्यमंत्री आज स्वयं हरदा पहुंचकर हालात का जायजा लेंगे।
आसपास के इलाके में छाई वीरानी, अधिकारी मौके पर पहुंचे
पटाखा फैक्ट्री के आसपास के तकरीबन आधा किलोमीटर के इलाके में वीरानी छाई हुई है। घरों में ताले लटके हैं और जान बचाकर भागे लोगों ने दूसरे गांवों में या दूर सुरक्षित जगह जाकर पनाह ले रखी है। लोग इस कदर दशहत में हैं कि घटना के 20-21 घंटे गुजरने के बाद भी घर लौटने को तैयार नहीं। उधर बुधवार सुबह कलेक्टर, एसपी समेत पुलिस-प्रशासन के कुछ और अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं और बचाव कार्यों का जायजा ले रहे हैं। फिलहाल बेसमेंट से मलबा हटाने का काम किया जा रहा है।
अब भी धधक रही आग, मलबा हटाने में आ रही दिक्कत
पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट के बाद दूसरे दिन भी मलबे में जगह-जगह आग धधक रही है और धुआं उठ रहा है। तेज तपिश बरकरार है। इससे बचावकर्मियों को मलबा हटाने में भी दिक्कत आ रही है। मौके पर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के बचाव दल आग बुझाने और कूलिंग करने का काम कर रहे हैं।
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ हरदा के पटाखा फैक्ट्री में आग बुझाने और कूलिंग करने का काम कर रहे हैं, जहां कल एक बड़ा विस्फोट हुआ था, जिससे आसपास के घर प्रभावित हुए थे।
एक और आरोपी गिरफ्तार
पटाखा फैक्ट्री में हुए हादसे के एक और आरोपित रफीक उर्फ मन्नी को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। बताया जा रहा है कि रफीक कांग्रेस पार्षद का भाई है।
600 मीटर दूर तक तबाही के निशान, लोग घर छोड़कर भागे
पटाखा फैक्ट्री से करीब 600 मीटर दूर मगरधा रोड किनारे रहने वाले 63 वर्षीय नर्मदा प्रसाद राठौर ने बताया कि जब फैक्ट्री में धमाका हुआ तो उनके घर पर बड़े-बड़े पत्थरों की बरसात होने लगी। इससे दीवारों में छेद हो गए, लेट-बाथ क्षतिग्रस्त हो गई। घर में उसे समय पांच सदस्य मौजूद थे, जो जान बचाकर घर से दूर भागे। सुरक्षा की दृष्टि से घर के सभी सदस्यों को गांव पर भिजवा दिया है। धमाकों की वजह से टीन शेड की चद्दरें और लोहे की शटर तक क्षतिग्रस्त हो गईं। मकानों की दीवारों को भी क्षति पहुँची है।
चारों तरफ फैली तबाही
पटाखा फैक्ट्री के आसपास चारों तरफ तबाही मची है। घटना के अगले दिन सुबह भी जो वीडियो-फोटो सामने आए, वह रोंगटे खड़े कर देने वाले हैं। टीन शेड से उछली लोहे की चद्दरें और पाइप सड़क किनारे बिखरे पड़े हैं। फैक्ट्री की साइट पर पूरी तरह क्षतिग्रस्त पिकअप वाहन भी नजर आया, जिसमें बारूद भरा होना बताया जा रहा था। फैक्ट्री से सटा एक गेहूं का खेत था, जो मलबे के ढेर में तब्दील हो गया। इसमें उगी फसल पूरी तरह तबाह हो गई।
वाराणसी से एनडीआरएफ की टीम पहुंची
पटाखा फैक्ट्री की साइट पर वाराणसी स्थित हेडक्वार्टर से एनडीआरएफ का 35 सदस्यीय टीम बुधवार सुबह पहुंची।