नाबालिग मांग रहे थी भीख, डेरों तक पहुंची पुलिस
दैनिक अवन्तिका(उज्जैन) इंगोरिया चौपाटी भीख मांगने वाले नाबालिगों की बढ़ती संख्या और लोगों को परेशान करने की शिकायत मिलने पर पुलिस ने अभियान चलाया और नाबालिगों को पकड़कर उनके डेरों तक लेकर पहुंची। जहां सामने आया कि उनके माता-पिता उन्हे भीख मांगने के लिये भेजते है। पुलिस ने परिजनों को समझाईश दी और अच्छी शिक्षा देने की बात कहीं।पिछले कुछ दिनों से इंगोरिया में सड़को पर नाबालिगों की काफी संख्या दिखाई दे रही थी। जो वाहनों के रूकने पर भीख में रूपये देने के लिये चालको को परेशान कर रहे थे। मामले की शिकायत पुलिस तक पहुंची तो थाना प्रभारी चंद्रिका सिंह टीम के साथ चौपाटी पर पहुंचे। जहां नाबालिगों को पकड़ा गया और उनका नाम पता पूछकर उनके डेरों तक पहुंची। चौपाटी से कुछ किलोमीटर दूर खुले मैदान में झोपड़िया बनी हुई थी। जहां नाबालिगों के परिजन मौजूद थे। जानकारी जुटाने पर सामने आया कि परिजन ही बच्चों को भिक्षावृत्ति के लिये भेजते है। पुलिस ने डेरों में रहने वाले लोगों को एकत्रित किया और समझाईश दी कि छोटे-छोटे बच्चे दुर्घटना का शिकार हो सकते है। इन्हे कुछ हो गया तो क्या करोगें। बच्चों का अच्छी शिक्षा दें। आज से कोई भी बच्चों को भिक्षावृत्ति के लिये नहीं भेजेगा। डेरे में रहने वाले दूसरे प्रदेशों के साथ अन्य जिलों से आये हुए है। जो बच्चों से भिक्षावृत्ति कराकर अपना चूल्हा जला रहे है। पुलिस ने सभी को अपने नाम-पते भी थाने आकर दर्ज कराने की हिदायत दी। शहर में भी चामुंडा माता चौराहा, तीनबत्ती चौराहा, कोयला फाटक चौराहा और महाकाल मंदिर के आसपास ऐसे ही नाबालिग भिक्षावृत्ति करते दिखाई दे रहे है। कुछ नाबालिगों के परिजन बेलून, लीड-पेन और अन्य खिलौने लेकर चौराहो पर देखे जा सकते है। इनके डेरे क्षिप्रा नदी किनारे शंकराचार्य चौराहा आगररोड नाके सहित शहर के आसपास क्षेत्रों में बने हुए है। शहर में भिक्षावृत्ति करने वाली पारदी-कंजर, सांसी समुदाय से जुड़े है। जो वारदातों को अंजाम भी देते है। महाकाल मंदिर के आपास कई नाबालिग वारदातों में पकड़े भी जा चुके है। बावजूद पुलिस और प्रशासन इन पर सख्त एक्शन नहीं ले पा रहा है।