मेहनत करते रहें फल की चिंता न करें
उज्जैन। विद्यार्थी का कर्म है पढना। हम साल भर खूब मेहनत करते हैं फिर परीक्षा के पूर्व इतनी चिन्ता क्यूं कि परिणाम अच्छा न आया तो क्या होगा? समाज मे इन्स्ल्ट या अपमान से डर । डांट का डर। बडे लोगों के द्वारा प्रताड़ित होने का डर ये सताता रहता है। सभी बच्चों से मेरा अनुरोध है कि वे इतना ज्यादा सोचकर स्ट्रेस न लें। हमे सिर्फ मेहनत करके अपने सर्वोत्तम देना है बाकी परिणाम देना ईश्वर के हाथ मे है। वो जो भी रिजल्ट दे उसे शिरोधार्य करना ही पङ्ता है।कुछ बातों पर गौर करें और प्रसन्न रहें।
* जो पहले से तैयार मैटर है उसका अच्छे से रिवीजन करें।
* ये विचार न लाएं कि ये प्रश्न याद नहीं किया और आ जाएगा तो क्या होगा। हमने कई सारे प्रश्न तैयार किए हैं और फिर वहां च्वाइस भी दी होती है , दो मे से एक हल करने की।
* घबराना नही है। घबराहट होने पर दोस्तों से कोई भी टाॅपिक पर डिस्कस कर लें।
* अपनी प्राब्लम परिवार के बडों से शेयर करें।
* प्रतिदिन दस से पन्द्रह मिनट मेडिटेशन करें।
* कम से कम एक मित्र ऐसा ही जिससे हम मन की बात शेयर कर सकें।
लाइट म्युजिक जरूर सुनें..
याद रखें भगवान श्री कृष्ण ने कहा है कर्मण्ये वाधिकारस्ते मा फ्लेचर कदाचन। अर्थात कर्म करो फल की इच्छा मत करो। याद रखें जीवन मे सफलता व असफलता दो पहलू हैं। हम सफल होते हैं तो कभी असफल भी होएंगे। संसार के सभी महापुरूषों के जीवन मे असफलता भी कभी आई है। न्यूटन जैसे विद्वान भी की बार असफल हुए हैं।
शुभकामनाएं परीक्षा देने वाले सभी बच्चों को।