हाईकोर्ट ने मकान तोड़ने की कार्रवाई किए जाने को फैशनेबल बताया
उज्जैन। उज्जैन नगर निगम द्वारा सितंबर 2023 में की गई एक महिला का मकान तोड़ने की कार्रवाई को कड़ी टिप्पणी की है। मप्र हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि नियमों का पालन किए बगैर किसी भी घर को गिराना फैशनेबल हो गया है। कोर्ट ने मामले में पीड़ित को एक लाख रुपये का मुआवजा देने और अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
दरअसल, उज्जैन के सांदीपनि नगर में रहने वाली एक महिला का मकान उज्जैन नगर निगम द्वारा ध्वस्त कर दिया गया था। जिसके बाद महिला ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से इंदौर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जहां कोर्ट उज्जैन निगमायुक्त को मामले में जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। साथ ही याचिकाकर्ता को यह भी कहा है कि वे चाहे तो सिविल कोर्ट में अतिरिक्त मुआवजे की मांग भी कर सकता है।
क्या कहा आदेश में..
हाईकोर्ट ने कहा कि ‘जैसा कि इस अदालत ने बार-बार देखा है, स्थानीय प्रशासन और स्थानीय निकायों के लिए प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत का पालन किए बिना कार्यवाही करके किसी भी घर को ध्वस्त करना और उसकी खबर मीडिया में प्रकाशित करना अब फैशन बन गया है। ऐसा प्रतीत होता है कि इस मामले में भी याचिकाकर्ताओं के परिवार के सदस्यों में से एक के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया था और विध्वंस गतिविधियों को अंजाम दिया गया था।’