ठिठरनभरी ठंड में सड़क पर फेंक गए बीमार भूखी- प्यासी वृध्दा को
राजधानी के सबसे बड़े शासकीय हमीदिया अस्पताल की निर्दयता
भोपाल। कृशकाय शरीर, बदन पर इतने कपड़े भी नहीं कि सर्दी का सामना कर सकें। दायीं हथेली पर बंधी पट्टी, उसमें से रिसता रक्त। बेहद दयनीय अवस्था में वृद्ध महिला रात भर एमपी नगर में सड़क किनारे पड़ी रही। और उसकी इस दुर्दशा का जिम्मेदार कोई नहीं सबसे बड़े अस्पताल के नाम का सीना ठोंकने वाला हमीदिया अस्पताल था। महिला ठंडी सड़क पर जिस पतली सी चादर पर लेटी हुई थी, उस पर हमीदिया अस्पताल के वार्ड का चिह्न एच-टू और आगे 87 लिखा हुआ था। पुलिस की पड़ताल में प्रत्यक्षदर्शियों ने भी पुष्टि की कि महिला को देर रात आई एक एंबुलेंस से उतरे दो व्यक्ति सड़क किनारे फैंककर गए हैं।
घंटों सड़क पर भूखी-प्यासी पड़ी रही
महाराणा प्रताप नगर में गायत्री मंदिर के नजदीक सड़क किनारे पड़ी बेसहारा वृद्धा को जिसने देखा, ठिठक गया। राहगीरों की सूचना पर पुलिस भी आ गई, लेकिन लाचार क्योंकि बिना अटेंडेट के 108 एंबुलेंस भी वृद्धा को हमीदिया अस्पताल ले जाने को तैयार नहीं थी। इधर वृद्धा बार-बार एक ही रट लगाए जा रही थी, मुझे यहां क्यों ले आए, मुझे घर ले चलो। 12 घंटे से अधिक समय तक भूखी-प्यासी सड़क किनारे पड़े रहने से वह अर्ध-मूर्छित अवस्था में पहुंच चुकी थी। राहगीरों ने बमुश्किल पानी के कुछ घूंट पिलाए लेकिन अपने आप को अस्पताल में समझ रही वृद्धा घर ले चलने की जिद करती रही। ऐसी ही हालत में उन्होंने कंपकंपाते स्वर में अपना नाम भ्रमरी देवी बताया।
अस्पताल से मिला गोलमोल जवाब
हमीदिया अस्पताल में पड़ताल करने पर महिला के आठवीं मंजिल में उपचाररत होने की बात सामने आई, लेकिन प्रबंधन ने इस बारे में कोई भी उत्तर नहीं दिया। दो घंटे की मशक्कत के बाद पुलिस और 108 एंबुलेंस की मदद से वृद्धा को हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया जा सका।