घटना के बाद हिरासत में आया दीपक रीढ़ की हड्डी टूटने पर हुई थी 2 बेटियों की मां की मौत -पति पर मारपीट कर हत्या करने का प्रकरण दर्ज
दैनिक अवंतिका(उज्जैn)। बिलोटीपुरा में मृत मिली 2 मासूम बेटियों की मां का मंगलवार को 2 डॉक्टरों की पैनल से पोस्टमार्टम कराया गया था। बुधवार को रिपोर्ट मिलने पर सामने आया कि शराबी पति द्वारा की गई मारपीट में रीढ़ की हड्डी टूटने से मौत हुई है। पुलिस ने मामले में पति के खिलाफ धारा 302 का प्रकरण दर्ज कर लिया है। सोमवार शाम को बिलोटीपुरा में पति-पत्नी के बीच विवाद की सूचना डायल हंड्रेड पहुंची थी। घर में मोना पति दीपक जाटवा मृत अवस्था में मिली थी। दीपक नशे की हालत में था, वहीं घर के बाहर सात वर्षीय मासूम नंदनी और डेढ़ वर्षीय कृतिका मिली थी। मोना की बेटी नंदनी ने दीपक पर मां के साथ मारपीट करने का आरोप लगाया था। पुलिस ने दीपक को हिरासत में लेकर मोना का शव पोस्टमार्टम के लिये जिला अस्पताल पहुंचाया था। मंगलवार को महिला चिकित्सक डॉ. निधि शर्मा और डॉ. भोजराज शर्मा की पैनल ने पोस्टमार्टम किया। जिसमें यह सामने आया था कि महिला भी शराब का सेवन करती थी। उसकी मौत का कारण जाने के लिये के बिसरा जांच के लिये भेजा गया। बुधवार को रिपोर्ट सामने आई कि मृतिका मोना के साथ मारपीट हुई थी जिसके चलते रीढ़ की हड्डी टूट गई थी। उसी वजह से मौत हुई है। मासूम नंदनी द्वारा दीपक द्वारा मारपीट करना बताने और पोस्टमार्टम रिपोट मिलने पर मामले में पति के खिलाफ जीवाजीगंज पुलिस ने हत्या का प्रकरण दर्ज किया है। टीआई राकेश भारती ने बताया कि आरोपित पति को न्यायालय में पेश किया जाएगा। पति बोला था शराब के नशे में गिरने से मरी घटनाक्रम के बाद दीपक को हिरासत में लिया गया था। जिसका कहना था कि शराब के नशे में गिरी थी, जिससे उसकी मौत हुई है। लेकिन मासूम ने पूछताछ में बताया था कि दीपक उसके पापा नहीं है। पापा गांव में रहते है। मम्मी के साथ रहते है इसलिये पापा बोलती हूं। पापा ने मम्मी को मारा था और हम दोनों बहनों को भांग भी खिला दी थी। मासूम नंदनी का कहना था कि वह सड़क पर रहते थे, कुछ दिन पहले ही मकान में रहने आये थे। घटना के बाद मकान मालिक रूपसिंह दरबार भी मौके पर पहुंचा था। 5 साल से साथ थे मोना और दीपक मोना की मौत के बाद पुलिस जांच में सामने आया था। मोना अपने पति को छोड़ चुकी थी। दीपक की शादी के पत्नी ने उसकी शराब की आदत के चलते छोड़ दिया था। मोना-दीपक पांच सालों से साथ रहते थे और सड़को पर जीवन यापन कर रहे थे और शराब पीने के आदी थे। मोना का परिवार शांतिनगर में रहता है। मोना की मौत के बाद उसकी बहन बिलोटीपुरा पहुंची थी और दोनों मासूमों को साथ लेकर चली गई थी। पोस्टमार्टम के बाद मोना अंतिम संस्कार भी परिजनों ने ही कराया था।