झाड़-फूंक के चक्कर में गई कुत्ता काटने से गंभीर बालक की जान

रायगढ़। कुत्ता काटने से गंभीर सात साल के एक बालक की मौत झाड़-फूंक के चक्कर में हो गई। तीन फरवरी को कुत्ता काटने के बाद बालक का पिता उसे अस्पताल ले जाने के बजाय स्थानीय बैगा से उसका उपचार करा रहे थे। मामला घरघोड़ा थाना क्षेत्र के ग्राम बरौद का है।
सिद्धांत मांझी पिता सियाराम मांझी (07) घरघोड़ा के ग्राम बरौद का रहने वाला था। तीन फरवरी की सुबह लगभग आठ बजे सिद्धार्थ अपने घर के बाहर खेल रहा था। इसी दौरान कुछ कुत्ते झुंड में लड़ते हुए वहां पहुंचे। एक कुत्ते ने अचानक सिद्धार्थ पर हमला किया और कंधे को काट लिया। इससे बालक लहूलुहान हो गया। यह देख कर आसपास के लोगों ने कुत्तों को भगाया। बालक के लहूलुहान होने के बाद भी पिता ने इसे गंभीरता से नहीं लिया और इलाज के लिए अस्पताल ले जाने बजाय घरेलू उपचार के साथ झाड़ फूंक कराने लगा। समय बिताने के साथ बालक की सेहत में सुधार होने के बजाय बिगड़ती गई। ऐसे में उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया गया, जहां शुक्रवार को उसकी मृत्यु हो गई। अस्पताल प्रबंधन की सूचना पर चक्रधर नगर पुलिस ने मर्ग कायम करते मामले को विवेचना में लिया है।

इस साल 30 से अधिक प्रकरण केवल मेकाहारा में

जिले में वर्तमान परिस्थितियों में सबसे बड़ा अस्पताल में कहां है यहां प्रतिदिन 2 से 3 मरीज कुत्ते के काटे जाने की शिकायत को लेकर आ रहे हैं। बीते साल में अस्पताल में 902 मरीज कुत्ते के काटे जाने के को लेकर उपचार के लिए आए थे। जबकि चालू वर्ष में 30 से अधिक प्रकरण कुत्ते के काटे जाने का रिकार्ड सामने आया है।