विधायक कि समझाईश के बाद भी भाजपा पार्षदों ने दिया कांग्रेसियों का साथ,

नागदा। संगठन कि दुहाई देनें वाली भाजपा के मुख्यमंत्री के गृहज़िले की नागदा नगरपालिका में ही विधायक की उपस्थिति और समझाईश के बाद भी अनुशासन तार तार हुआ।एक और जहाँ पूरे देश में बड़े नेताओ का कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आने या साथ देने का सिलसिला जारी है वही नागदा नपा के भाजपा पार्षद कांग्रेस के साथ अपनी ही परिषद के विरोध में खड़े नज़र आए।

मुख्यमंत्री के गृह ज़िले में भाजपा हुई तार तार..सम्मेलन का किया बहिष्कार…

नपा नागदा का साधारण सम्मेलन शुक्रवार दोपहर 3 बजे नपा शुरू हुआ प्रस्तावों की प्रोसेडिंग पढ़ने के दौरान वार्ड 23 के भाजपा पार्षद शशिकांत मावर ने कोटा फाटक की शराब दुकान हटाने के प्रस्ताव को लेकर प्रोसेडिंग नहीं लिखे जाने को लेकर जमकर विरोध दर्ज कराया। मावर का कहना था कि उन्हें 22 दिसंबर 2023 को हुई बैठक में ये कहा गया था कि शराब दुकान हटाने के उनके प्रस्ताव को शामिल कर लिया गया, मगर जो प्रोसेडिंग यहां पढ़ी जा रही हैं उसमें उस प्रस्ताव को लेकर एक अक्षर भी नहीं लिखा गया है। बहस चल ही रही थी की पीआईसी सभापति उषा रामू सिसौदिया नपाध्यक्ष की आसंदी पर इस्तीफा लेकर पहुंची और बोलीं कि बताइए पीआईसी में मेरा पद क्या है..मुझे कौन से विभाग का सभापति बनाया गया है और बैठक की सूचना उन्हें क्यों नहीं दी जाती? वार्ड 16 की भाजपा पार्षद अंतिम मावर ने पूछा कि 12 भाजपा पार्षद व 12 कांग्रेस पार्षदों ने विभिन्न मुद्दों को लेकर विशेष सम्मेलन बुलाने का पत्र दिया और नगरीय प्रशासन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर ने सम्मेलन बुलाने के निर्देश दिए थे, बावजूद विशेष सम्मेलन क्यों नहीं बुलाया गया। बैठक में मौजूद विधायक तेजबहादुरसिंह चौहान ने अपने पार्षदों को समझाने का असफल प्रयास किया।इसी मुद्दे पर कांग्रेस पार्षद मेघा धवन, संदीप चौधरी, प्रमोद चौहान ने भी नपाध्यक्ष को विशेष सम्मेलन नहीं बुलाने को लेकर घेरा।अपने ही पार्षदों और विपक्ष के सवालों से घिरी नपाअध्यक्ष संतोष ओपी गेहलोत झल्ला कर बोली मैं दुनिया चलाना जानती हूँ,सम्मेलन के तय एजेंडे पर ही बात होगी। अध्यक्ष का इस तरह का जवाब विरोध कर रहे पार्षदों को और आक्रोशित कर गया और विरोध में भाजपा के 12 पार्षद एक साथ उठकर बहिष्कार कर बाहर चले गए। इनके साथ कांग्रेसी पार्षद भी बाहर निकल गए।बहिष्कार के चलते सदन में 11 पार्षद ही रह गए जो कुल 36 पार्षदों की परिषद में कोरम के लिहाज से नाकाफी था। इस कारण सम्मेलन को निरस्त करना पड़ा।सम्मेलन के एजेंडे में 14 प्रस्तावों पर चर्चा होना थी। इसमें वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट प्रस्ताव के अलावा महाशिवरात्रि मेला, सिंहस्थ के पूर्व विकास के कामों, संपत्तिकर में बढ़ोतरी जैसे प्रस्ताव थे। मगर एक भी प्रस्ताव पर चर्चा नहीं हो पाई।सभापति उषा रामूसिसोदिया का इस्तीफ़ा भी स्वीकार कर लिया गया।

मामले में नपाअध्यक्ष का कहना है कि जिन मुद्दों पर विशेष सम्मेलन बुलाने की मांग की जा रही थी, उन मुद्दों को भी साधारण सम्मेलन में शामिल कर लिया था। उस पर चर्चा हो जाती। पार्षद पहले से ही विरोध करने का तय करके आए थे इसीलिए प्रस्तावों पर चर्चा से पहले ही वॉकआउट कर दिया। लेकिन वे भूल गए कि सम्मेलन में बजट प्रस्ताव भी था।

रिपोर्ट विकास त्रिवेदी