एलआईजी चौराहा से लेकर नौलखा पर शुरू होने वाला है ब्रिज का काम
मार्च में शुरू होना है काम, अब तक नहीं मिली एलिवेटेड ब्रिज के नीचे बिछी लाइनों की जानकारी
इंदौर । एलआईजी चौराहा से लेकर नौलखा के बीच बीआरटीएस पर बनने वाले एलिवेटेड ब्रिज का काम शुरू होने के पहले लोक निर्माण विभाग ने विभिन्न एजेंसियों को सड़क के नीचे से गुजरने वाली नर्मदा, ड्रेनेज, आप्टिकल फाइबर और गैस पाइप लाइन आदि के बारे में जानकारी मांगी है। विभाग ने दो महीने पहले इन्हें पत्र लिखा है, लेकिन तो नगर निगम और न दूरसंचार कंपनियों व गैस एजेंसी ने पीडब्लूडी को कोई जानकारी दी है। ऐसी स्थिति में काम शुरू करने पर इनकी लाइन को नुकसान पहुंच सकता है। जिससे लाइन और निर्माण कार्य दोनों प्रभावित होंगे।
बीआरटीएस पर 6.70 किमी लंबा एलिवेटेड ब्रिज बनाया जाएगा, जिसमें एलआईजी से इंडस्ट्री हाउस के बीच पहले चरण का काम मार्च में शुरू होगा। पीडब्ल्यूडी ने निर्माण एजेंसी के माध्यम से टेस्टिंग मिट्टी परीक्षण) करवा लिया है। अगले कुछ दिनों में स्वाइल टेस्टिंग की रिपोर्ट आएगी। इसके बाद फाउंडेशन तैयार किया जाएगा।
इस दौरान पीडब्ल्यूडी और निर्माण एजेंसी ब्रिज का डिजाइन तय करेगी, मगर ब्रिज के लिए खुदाई शुरू करने पहले पीडब्ल्यूडी बीआरटीएस के नीचे कहां कहां से लाइन गुजर रही है, इसकी जानकारी मिल जाए। काम शुरू होने के बाद इन्हें अन्यत्र शिफ्ट करने में थोड़ी मुश्किल होगी।
साथ ही लाइन को अधिकारियों के मुताबिक ब्रिज को खड़ा करने के लिए पांच से सात स्थानों पर पिलर आएंगे, जो एलआइजी से इंडस्ट्री हाउस के बीच रहेगे। ऐसे में खुदाई के दौरान लाइन को नुकसान होगा तो लोगों को भी परेशानी हो सकती है। एलिवेटेड ब्रिज के लिए 350 करोड़ का बजट है।
एलआइजी से इंडस्ट्री हाउस के बीच ब्रिज का पहले चरण रहेगा। इसके बाद इंडस्ट्री हाऊस से पलासिया के बीच बस लेन नहीं है। इसके बाद पलासिया से गीता भवन के बीच ब्रिज में तीन तरफ भुजा बनेगी ,ताकि चालकों को मधुमिलन्, शिवाजी वाटिका और पिपलियाहाना की तरफ निकल सके।
इन स्थानों पर भी लाइन को लेकर सर्वे होगा।
मेट्रो के निर्माण के दौरान बीएसएनएल की पांच से छह स्थानों पर लाइन कट गई थी, जिसमें सुखलिया, बापट, विजय नगर और रेडिसन चौराहे शामिल है। लाइन कटने से उपभोक्ताओं को काफी परेशानी हुई है। कई दिनों तक लैंडलाइन और ब्रॉडबैंड कनेक्शन प्रभावित रहे।
इन स्थानों पर लाइन को नुकसान होने पर मेट्रो को 40 लाख रुपये का मुआवजा देना पड़ा है। इसी स्थिति से बचने के लिए पीडब्ल्यूडी ने एलिवेटेड ब्रिज बनाने से पहले एजेंसियों से सड़क के नीचे दबी लाइन के बारे में पूछा है। पीडब्ल्यूडी ब्रिज सेल ने के नीचे से निकलने वाली लाइन के बारे में नगर निगम, बीएसएनएल, जियो, एयरटेल, अवंतिका गैस एजेंसी, नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण को पत्र लिखा है। सिर्फ निगम के अधिकारियों ने संपर्क किया है। एक भी एजेंसी इस संबंध में संपर्क नहीं कर रही है। उनके मुताबिक सर्वे होने के बाद संबंधित विभाग को लाइन शिफ्ट करने के लिए भी समय दिया जाएगा।
इसके बाद ही निर्माण कार्य आसानी से शुरू किया जा सकता है। इस मामले में नुकसान होने पर विभिन्न एजेंसियों को भरपाई भी देना होगी। इससे प्रोजेक्ट का बजट बढ़ने को अंदेशा रहता है।