” भजन मर्मज्ञ _ प. राजेश मिश्रा से खास बातचीत”
इंदौर। मुंबई निवासी पंखीडा फेम प.राजेश मिश्रा अपने अल्प प्रवास पर उज्जैन तथा इंदौर आये। अयोध्या मे आमंत्रितो मे शामिल मिश्रा उज्जैन से महाकाल के दर्शनलाभ लेकर इंदौर के प्रसिद्ध खजराना गणेश पहुंचे जहाँ वे गणेश पुराण की कथा कर चुके है।
“” वॉक द टाक “”” तर्ज पर प. मिश्रा इंदौर मे बालसखा निर्लेश तिवारी से रूबरू हुए।
सवाल _ शिक्षा कहाँ से प्राप्त की ?
मिश्रा _ देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर से।
सवाल _ इंडस्ट्री मे पहला अवसर कैसे मिला ?
मिश्रा __ टी सीरीज और सुपर कैसेटेस इंडस्ट्रीज के मालिक स्व. गुलशन कुमार ने मेरी भजन गायकी से प्रभावित होकर मुझे तलाशा और इंदौर से सपनो के शहर मुंबई आमंत्रित किया।
सवाल _ उनके साथ कैसा अनुभव रहा?
मिश्रा _ वे धर्मप्रेमी इंसान थे । मुंबई प्रवजन के दौरान उनके साथ नियमित रूप से मन्दिर जाता । वे मेरी उपलब्धियों की आधारशिला है।
सवाल __ समय _चक्र को क्यो मानते है ?
मिश्रा _ समय बड़ा बलवान होता है। मे इसे ईश्वरीय चमत्कार ही मानता हूँ की देरी के कारण उनके साथ मन्दिर दर्शन के लिए समय पर नही पहुंच पाया जिस दिन उनकी हत्त्या हुई। सवाल _ पंखीडा से प्रसिद्धि मिली और अन्य प्रचलित एल्बम कौनसे है ?
मिश्रा ___पंखीडा के अलावा महाकाल पर केंद्रित ” डम डम डमरू बाजा ” और ” काशी विश्वनाथ जायेंगे ” व पावगढ के भक्तिगीतो को संगीतप्रेमियों व श्रद्धालूजनो से बेहतर प्रतिसाद मिलता रहा है।
सवाल _ रियाज का समय मिलता है ?
मिश्रा _ मेरे कार्यक्रम मुख्यतः महाराष्ट्र गुजरात छत्तीसगढ़ राजस्थान और मध्यप्रदेश मे होते है। अब दक्षिण प्रांत और दिल्ली आदी प्रदेशों मे भी मौके मिले है। देश _ विदेश कही भी रहूँ, नियमित रियाज जरूर करता हूँ। गायन के लिए गले का विशेष ध्यान रखना जरूरी है।
सवाल _ माता की चौकी और वरमाला विशेषज्ञ के रूप मे नई पहचान कैसे मिली?
मिश्रा लगभग तीन दशक पुरानी परिकल्पना ने अब विवाह समारोह मे मूर्त रूप ले लिया है। विशेषज्ञ और प्रारंभकर्ता के रूप मे मिश्रा बंधुओ ने ही “राम राम जय सीता राम ” गीत और लक्ष्मीनारायण थीम पर वर वधु के वरमाला नाद को प्रस्तुत किया था। इंदौर के बड़े समूह के विवाह समारोह मे इसका शुभारंभ किया गया।
सवाल _ परिवार के बारे मे बताये?
मिश्रा __पिता स्व हनुमान प्रसाद मिश्रा (मझले बंधु) भी प्रसिद्ध संगीतज्ञ और भजन संध्या व सुंदर कांड के संदर्भ मे स्थापित नाम रहे है ।
माता विदुषी मनोरमा देवी मिश्रा धर्मपरायण महिला है। उनके और स्वर्गीय पिता के आशीर्वाद से ही सब संभव हो जाता है।दो भाई इंदौर मे है और मेरा परिवार मुंबई मे है।
आज भी हार _फूल और पत्र द्वारा माताजी सम्मान किया गया। इस अवसर पर मित्र मंडली अशोक कटारिया सुनील परियानी अजय जोशी कमलेश बाजपेयी आदी उपस्थित थे ।
रामलला / महाकाल अंकित दैनिक अवंतिका के समसामयिक और संग्रहणीय कैलेंडर की सराहना की ।