शिक्षा विभाग छात्रों को स्कूली ड्रेस भी नहीं दे पाया, लाड़ली बहना के कारण 67 लाख छात्र नहीं ले सके छात्रवृत्ति
इंदौर। मध्यप्रदेश में हर महीने सवा करोड़ से ज्यादा लाड़ली बहनाओं को दी जाने वाली राशि में कई विभागों के बजट को चरमरा दिया है। इसी के अंतर्गत इस बार इस योजना के कारण प्रदेश के 67 लाख से ज्यादा विद्यार्थियों को छातवृत्ति तो नहीं मिली साथ में स्कूली ड्रेस भी शिक्षा विभाग बच्चों को नहीं दे पाया।
अभी तक छात्तवृत्ति के लिए सरकार ने 357 करोड़ का बजट जारी नहीं किया है। इसके चलते बच्चों को आर्थिक दिक्कतों का भी सामना करना पड़ रहा है।
शिक्षा विभाग के अनुसार प्रदेश सरकार पहली से बारहवीं तक की कक्षा के अनुसूचित जाति एवं जनजाति एवं पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों के लिए बीस प्रकार की योजनाएँ चलाना है। इसके तहत विद्यार्थी को पचास रुपये से लेकर 550 रुपये तक छातवृत्ति दी जाती है। पिछले साल तक 80 लाख विद्यार्थी छातवृत्ति के पाल थे। इस बार इनकी संख्या घटकर 67 लाख हो गई है।
इसमे से इंदौर संभाग में छात्रवृत्ति लेने वाले छालों की संख्या 80 हजार के लगभग है। विभाग की तरफ से एजुकेशन पोर्टल पर विद्यार्थियों के बैंक खाते से लेकर नाम की सूची भी अपडेट हो गई है लेकिन शासन द्वारा बजट नहीं आने के कारण अभी तक विद्यार्थियों के खाते में राशि नहीं दी गई है।
हालांकि शासन की ओर से लोक शिक्षण संचालनालय ने भी जानकारी मांगी है। यह राशि पितृहीन कन्याओं की छात्रवृत्ति के अलावा प्री पोस्ट मेट्रिक योजना, स्वामी विवेकानंद पोस्ट मेट्रिक छात्रवृत्ति, एकलौती बेटी छात्रवृति के लिए है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि लाड़ली बहना के बड़े बजट में कई विभागों का बजट बिगाड़ दिया है उसमे यह भी शामिल है।