विभागीय अधिकारी कह रहे बजट में कमी, आयुष डॉक्टरों को दो महीने से नहीं मिला स्टाइपेंड, छात्र परेशान
इंदौर । आयुष के स्नातकोत्तर छात्रों को पिछले दिसंबर और जनवरी से स्टायपेंड नहीं मिला है। इन डॉक्टरों ने जब विभाग और आयुष मंत्री के यहां अधिकारियों से बात की तो उन्हें बताया गया कि बजट की कमी के चलते स्टायपेंड देना संभव नहीं हो पा रहा है।
इसमें होम्योपैथी और आयुर्वेद में एमडी-एमएस कर रहे छात्र प्रभावित हो रहे हैं। प्रदेश में आयुर्वेद, होम्योपैथी और यूनानी (आयुष) में स्नातकोत्तर की लगभग 200 सीटें हैं। इस मान से प्रथम, द्वितीय और तृतीय वर्ष मिलाकर लगभग 600 जूनियर डाक्टर हैं, जिन्हें स्टायपेंड नहीं मिला है।
प्रथम, द्वितीय और तृतीय वर्ष में क्रमशः 47 हजार, 49 हजार और 51 हजार रुपए इन्हें स्टायपेंड मिलता है। यह जूनियर डॉक्टर बीते एक माह में मंत्री से लेकर अधिकारियों के पास तक चक्कर काट चुके हैं। आयुष चिकित्सकों को सभी जगह यह सुनने को मिला कि अभी बजट नहीं आ रहा है। उधर, इसके अतिरिक्त बजट की कमी के चलते आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को जनवरी का मानदेय नहीं मिल सका है।
मध्य प्रदेश आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका संघ की प्रदेश महामंत्री संगीता श्रीवास्तव ने बताया कि जनवरी का मानदेय प्रदेश में कहीं भी नहीं मिला है। कुछ आदिवासी जिलों को छोड़ दें तो दिसंबर का भुगतान भी लगभग 35 जिलों में रुका हुआ है।
इसमें कार्यकर्ता और सहायिका दोनों शामिल हैं। अन्य विभागों में भी बजट की कमी के चलते दिक्कत आ रही है। विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति भी बजट की तंगी के कारण नहीं मिला पा रही है।