बगैर परमिट बस पर देवासगेट पुलिस का इमरजेंसी ब्रेक
उज्जैन। देवास गेट थाना पुलिस ने बगैर परमिट के चल रही बस पर इमरजेंसी ब्रेक लगा दिया है। आकस्मिक रूप से देवासगेट बस स्टैंड पहुंची पुलिस ने बस को सवारी भरने के दौरान ही पकडा और थाने पर खडा करवा लिया है। प्रारंभिक जांच में यह सामने आ गया है कि बस बगैर परमिट के चल रही थी। इस बस को दुसरी परमिट वाली बस के आड में चलाया जा रहा था।
देवासगेट बस स्टैंड से बस में भरी जा रही थी सवारी इसी दौरान कार्रवाई”
देवास गेट थाना उपनिरीक्षक गोपाल राठौर ने बताया कि बस उज्जैन से माकड़ोंन की ओर चलने वाली है। बस संचालक माकड़ोंन निवासी निर्भय सिंह पिता प्रेम सिंह मकड़ोंन निवासी दूसरी बस की परमिट के आड़ में बिना परमिट के अवैध तरीके से इस बस को संचालित कर रहा था। मुखबीर से मिली सूचना के आधार पर पुलिस ने पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू की तो बस का परमिट नहीं पाया गया। इस पर पुलिस ने बस को थाना में खडा करवा लिया प्राथमिक जांच में बस जब्त कर ली गई है।
एक नहीं अनेक..
शनिवार सुबह पुलिस की कार्रवाई में एक बस का मामला उजागर हुआ है जबकि जमकर बगैर परमिट बसों का संचालन किया जा रहा है। परिवहन माफिया इस मामले में प्रदेश में सक्रिय है। कई बसों में एक ही परमिट पर दो और तीन बसें संचालित की जा रही है। जांच के दौरान परिवहन विभाग मात्र गाडी के नंबर ही जांचता है उसका इंजन और चेचिस नंबर की जांच की जाए तो कई वाहन धरपकड में सामने आएंगे।
ऐसे होता है बस से अवैध संचालन का खेल…
यात्री वाहनों में कहीं का चेचिस ,भंगार से पार्टस की जुगाड और हो गई बस तैयार । ऐसे मामले परिवहन के बस में नहीं है यात्री वाहनों पर नियंत्रण और जांच के काम पर इससे सवाल उठ रहे हैं। हाल यह हैं कि एक ही नंबर पर दो बसें और यात्री वाहनों का संचालन तक सामने आया है। यात्री वाहनों में मुनाफे और फर्जीवाडे के तहत माफिया नंबर प्लेट, परमिट और फिटनेस में भी बड़ा खेल करता है। परिवहन को इससे राजस्व की चोंट पहुंचाकर जमकर चांदी कूटी जाती है।
रिपोर्ट विकास त्रिवेदी