लोकसभा चुनाव के पहले 5000 करोड़ का लोन और लेगी मोहन सरकार
भोपाल। मध्यप्रदेश की मोहन यादव सरकार किसी भी जन हितैषी कार्य को रोकना नहीं चाहती। सरकार विधानसभा चुनाव के बाद और लोकसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार एक बार फिर बाजार से कर्जा लेने वाली है। राज्य सरकार जनवरी-फरवरी में अब तक साढ़े दस हजार करोड़ रुपये बतौर कर्जा ले चुकी है। इस बार रिजर्व बैंक मुंबई कार्यालय के जरिये गवर्मेंट स्टाक बेच कर तीन हिस्सों में कुल पांच हजार करोड़ रुपयों का कर्ज बाजार से लिया जाएगा।
तीन चरणों में लेंगे कर्ज
इसमें दो हजार करोड़ रुपये का पहला कर्ज 20 वर्ष और दो हजार करोड़ रुपये का दूसरा कर्ज 21 साल में चुकाया जाएगा। वहीं एक हजार करोड़ रुपये का तीसरा कर्ज 22 साल के लिए होगा। तीनों ही कर्ज पर साल में दो बार कूपन रेट पर ब्याज का भुगतान किया जाएगा। इन कर्जों को लेने के लिए राज्य सरकार ने अपनी मजबूत वित्तीय स्थिति का हवाला दिया है। फिलहाल वित्त वर्ष में मध्य प्रदेश सरकार तक कुल 27 हजार 500 करोड़ रुपये का कर्ज ले चुकी है। अब पांच हजार करोड़ रुपये का नया कर्ज मिलाकर कुल कर्ज 32 हजार 500 करोड़ रुपये हो जाएगा। वर्ष 2024 में 23 जनवरी को ढाई हजार करोड़ रुपये, छह फरवरी को तीन हजार कराेड़ रुपये और बीस फरवरी को पांच हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया जा चुका है। अब 27 फरवरी को तीन किस्तों में पांच हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया जाएगा। प्रदेश पर मार्च 2023 की स्थिति में तीन लाख 31 हजार करोड़ रुपये से अधिक का लोन है। अब पांच हजार करोड़ रुपये का नया कर्ज मिलाकर कुल कर्ज 32 हजार 500 करोड़ रुपये हो जाएगा। वर्ष 2024 में 23 जनवरी को ढाई हजार करोड़ रुपये, छह फरवरी को तीन हजार कराेड़ रुपये और बीस फरवरी को पांच हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया जा चुका है। अब 27 फरवरी को तीन किस्तों में पांच हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया जाएगा।