छोटी कक्षाओं की बोर्ड परीक्षाओं के मामले में विभाग फिसड्डी
5000 विद्यार्थी के प्रवेश पत्र में त्रुटि सुधार का चल रहा कार्य
अब तक केंद्र के मामले में कोई जानकारी भी उपलब्ध नही
इंदौर। शिक्षा मंडल की बड़ी बोर्ड परीक्षाओं का सिलसिला अब लगभग थमने वाला है। ऐसे में बोर्ड अब छोटी कक्षाओं की परीक्षाओं के मामले में लगभग पिछड़ता हुआ नजर आ रहा है। पांचवीं-आठवीं बोर्ड परीक्षाओं के लिए दो सप्ताह का समय शेष है, लेकिन विभागीय तैयारी शुरू से ही लचर नजर आ रही है।
6 मार्च से शुरू होने वाली बोर्ड परीक्षा में इंदौर जिले में तकरीबन 95 हजार विद्यार्थी शामिल होंगे। डमी प्रवेश पत्र भी जारी हो चुके हैं, जिनमें त्रुटि सुधार का कार्य जारी है। अभी तक परीक्षा केंद्र निश्चित नहीं होने से इस बार मूल प्रवेश पत्र जारी होने में समय लगना तय है।
राज्य शिक्षा केंद्र की ओर से सभी जिलों में स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि विद्यार्थियों के प्रवेश पत्र में नाम, जन्म दिनांक व सरनेम की त्रुटियों को तत्काल सुधारा जाए। इंदौर जिले में भी तकरीबन 5000 विद्यार्थियों के प्रवेश पत्र में त्रुटियां सुधार का कार्य जारी है। प्रदेश के सबसे बड़े जिले इंदौर में अभी तक परीक्षा केंद्रों की जानकारी दर्ज नहीं हो पाई है।
भोपाल से जो निर्देश हैं उसमें एक परीक्षा केंद्र पर 300 विद्यार्थियों को परीक्षा में शामिल करने की सीमा
तय की गई है। जिले अधिकारियों की मानें तो बीआरसी अपना कार्य समय पर नहीं कर पा रहे हैं, जिसके कारण जनशिक्षा केंद्र को भी परीक्षा केंद्र निर्धारित करने में देरी लग रही है।
शांतस्वामी भार्गव ने बताया कि परीक्षा केंद्र निर्धारण में देरी हो रही है, लेकिन 4 से 5 दिनों में इसे पूरा कर लिया जाएगा और जानकारी पोर्टल पर दर्ज कर दी जाएगी। छोटी कक्षाओं में परीक्षा केंद्र बनाने को लेकर शहरी क्षेत्र में ज्यादा मशक्कत करना पड़ रही है।
दरअसल परीक्षा केंद्र बनने के बाद ही केंद्राध्यक्ष और अन्य अधिकारियों की ड्यूटी लगाई जाएगी। जिले से सभी बीआरसी को 2 दिन में परीक्षा केंद्र निर्धारण के मौखिक आदेश दिए गए हैं। 7 बीआरसी जनशिक्षा केंद्र से सामंजस्य बनाने में जुटे हुए हैं।