महाकाल की सुरक्षा में बड़ी चूक, दूसरे के  आईडी पर तो कोई भी प्रवेश कर सकता है

– भस्मारती में आखिर कैसे घुस गया था मुस्लिम युवक 

– पुजारी-पुरोहित इस मामले में दोषी कैसे, मंदिर में हुई बैठक    

– पुजारी बोले – श्रद्धालु जो आईडी देंगे उसी पर तो लेंगे अनुमति

– धोखाधड़ी का विरोध, प्रशासन से की कड़ी कार्रवाई की मांग

ब्रह्मास्त्र उज्जैन। महाकाल मंदिर में हिंदू नाम की आईडी देकर मुस्लिम युवक द्वारा भस्मारती की अनुमति लेकर मंदिर में अनाधिकृत रूप से प्रवेश करने के मामले में शनिवार को मंदिर के पुजारी-पुरोहितों ने पुजारियान समिति एवं पुरोहित समिति के बैनर तले संयुक्त बैठक कर उक्त घटना पर अपना विरोध जताया।

बैठक में उक्त विषय पर समस्त पुजारी-पुरोहितों ने अपनी बात रखते हुए कहा कि प्रतिदिन देशभर के हजारों श्रद्धालु भगवान महाकाल के दरबार में दर्शन-पूजन व भस्मारती करने के लिए उज्जैन आते हैं। इनमें से कई लोग मंदिर के पुजारी-पुरोहितों के यजमान भी होते हैं। यह यजमान भस्मारती में शामिल होने के लिए अनुमति हेतु पुजारी-पुरोहितों से ही निवेदन करते हैं। पुजारी-पुरोहित मंदिर प्रबंध समिति के नियम अनुसार इनके द्वारा भेजी गई आईडी लगाकर ही आवेदन फार्म के साथ समिति कार्यालय में जमा कराते हैं और अनुमति लेते हैं।

एक दिन पहले मिलती है अनुमति ज्यादातर लोग आईडी ही भेजते है

चूंकि भस्मारती की अनुमति एक दिन पहले लेना होती है। ऐसे में ज्यादातर श्रद्धालु बाहर से पहले अपने आईडी ही भेजते हैं तथा स्वयं अगले दिन सीधे भस्मारती में शामिल होने आते हैं। पुजारी-पुरोहित तो उनसे मिल ही नहीं पाते और उनके आईडी को भी क्रास चेक नहीं कर पाते है। ऐसे में श्रद्धालु धोखे से यदि गलत आईडी या किसी दूसरे व्यक्ति का आईडी देता है या उपयोग करता हैं तो यह उसकी स्वयं की जवाबदारी होती है। और इसके लिए वहीं दोषी भी होता है।

दूसरे के आईडी पर अनाधिकृत प्रवेश करने वाला व्यक्ति ही इसका दोषी

यदि संबंधित व्यक्ति इस प्रकार से धोखाधड़ी कर अपराध करता है तो उसके खिलाफ मंदिर प्रबंध समिति व पुलिस प्रशासन को तुरंत कार्रवाई करना चाहिए। पुजारी-पुरोहितों ने भी हाल ही में हुई इस तरह की घटना पर विरोध जताते हुए कहा कि इस तरह की घटना प्रशासन, पुलिस या अन्य किसी भी विभाग के प्रोटोकॉल आदि के जरिए भी तो हो सकती है। क्योंकि ये सभी विभाग भी प्रतिदिन अपने संबंधित लोगों की भस्मारती की अनुमति उनके पहले से भेजे गए आईडी लगाकर ही मंदिर प्रबंध समिति से कराते हैं।

किसी भी पुजारी-पुरोहित पर बिना जांच के ही आरोप लगाना गलत

मामले में सीधे किसी भी पुजारी-पुरोहित पर आरोप लगाना या प्रशासन द्वारा किसी भी प्रकार की कार्रवाई करना तो अनुचति ही होगा। समस्त पुजारी-पुरोहितों ने बैठक में यह भी कहा कि प्रशासन पहले पूरे मामले की बारीकि से जांच करें। इसके बाद कोई कदम उठाए ताकि अनावश्यक रूप से मंदिर के पुजारी-पुरोहितों पर कोई अक्षेप न लग सके। बैठक में मंदिर के सभी प्रमुख पुजारी-पुरोहित मौजूद थे। सभी ने इस संबंध में मंदिर प्रबंध समिति के अधिकारियों के साथ भी एक बैठक कर अपना पक्ष रखने व भविष्य में इस प्रकार की घटना वापस न हो इससे निपटने के लिए उपाय करने की मांग करने पर भी चर्चा की।

क्षेत्र पंडा समिति ने कहा सुरक्षा में चूक से हुई घटनापुजारी को नोटिस देना गलत 

श्री क्षेत्र पंडा समिति उज्जैन के अध्यक्ष तीर्थ पुरोहित पंडित राजेश त्रिवेदी ने उक्त मामले में कहा कि महाकाल की भस्मारती में अभिषेक दुबे के नाम की आईडी लगाकर अनुमति लेकर मोहम्मद यूनुस नाम के युवक ने अनाधिकृत रूप से मंदिर में प्रवेश किया। इससे मंदिर प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था में बड़ी चूक उजागर हुई है। इसे लेकर मंदिर के किसी भी पुजारी या पुरोहित या अन्य किसी भी व्यक्ति पर सीधे कोई आरोप लगाना या उसे दोषी ठहराना सही नहीं होगा। क्योंकि ऐसा तो किसी के साथ भी हो सकता है। सभी सरकारी विभाग भी अपने आने वाले संबंधितों की आईडी पर ही भस्मारती की अनुमति लेते हैं। ऐसे में उनके द्वारा दिए गए आईडी पर भी दूसरा फर्जी व्यक्ति प्रवेश कर सकता है। इसमें अनुमति लेने  वाला दोषी नहीं बल्कि मंदिर के प्रवेश गेट पर चैकिंग करने वाले लोग दोषी हो सकते हैं क्योंकि उनकी पूरी जवाबदारी है कि वे श्रद्धालु से ओरिजनल आईडी लेकर पूरा मिलान करने के बाद ही उन्हें प्रवेश दे। यदि गलत व्यक्ति अंदर प्रवेश कर जाता है तो मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था में चूक होगी। पुजारी को नोटिस देकर कार्रवाई आदि करना उचित नहीं है।