फिर हुआ क्षिप्रा नदी में हादसा, 12 वीं के छात्र की डूबने से मौत -पिता बोले रात 11 बजे स्टेशन पर छोडा था, पता नहीं था वापस नहीं लौटेगा
दैनिक अवंतिका उज्जैन। क्षिप्रा नदी में शुक्रवार अलसुबह एक बार फिर हादसा होना सामने आया है। भोपाल का छात्र नहाते समय पैर फिसलने पर डूब गया। तैराकों ने आधे घंटे की तलाश के बाद बाहर निकाला, लेकिन काफी देर हो चुकी थी। छात्र एग्जाम खत्म होने पर दोस्तों के साथ महाकाल दर्शन करने आया था।महाकाल थाना एसआई मांगीलाल मालवीय ने बताया कि तड़के 5 बजे क्षिप्रा नदी रामघाट पर एक युवक के डूबने की जानकारी सामने आई थी। पुलिस घाट पर पहुंची और तैराक दल के सदस्यों की मदद से तलाश शुरू की गई। जब उसे बाहर निकाला गया तो उसकी मौत हो चुकी थी। युवक दोस्त चित्रांश यादव, पुष्कर, करण और लक्ष्य के साथ भोपाल से आया था। दोस्तों ने बताया कि डूबा युवक सत्यम पिता हरीशचंद्र अवस्थी 17 वर्ष निवासी नई बस्ती भोपाल का रहने वाला था। कुछ दिन पहले ही कक्षा 12 की एग्जाम दी थी। एसआई मालवीय के अनुसार मृतक का नाम पता सामने आने पर परिजनों को घटना से अवगत कराया गया। दोपहर में पिता और रिश्तेदार जिला अस्पताल पहुंचे। परिजनों ने बताया कि सत्यम परिवार का एकलौता पुत्र था। पिता स्कूल टैक्सी चलाते है। पुत्र का शव देख पिता बिखल उठे थे। नम आंखों से उन्होने बताया कि एग्जाम खत्म होने के बाद से महाकाल दर्शन की जिद कर रहा था। उसे मना किया था दोस्तों के साथ मत जा, परिवार के साथ कुछ दिन बाद उज्जैन चलेगें। लेकिन उसके दोस्त गुरूवार को दर्शन के लिये तैयार हो गये। बेटे की जिद के चलते उसे रात 11 बजे ट्रेन में बैठाने के लिये स्टेशन तक आया था। पता नहीं था कि वापस नहीं लौटेगा। उसने जेईई का फार्म भी भरा था। दोपहर में पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने शव परिजनों के सुपुर्द किया। जिसे भोपाल ले जाया गया है।हादसों के बाद भी नहीं सुरक्षा का इंतजामक्षिप्रा नदी में आये दिन श्रद्धालुओं के साथ हादसे होना सामने आ रहे है। प्रतिदिन कई लोगों को डूबने से बचाया जा रहा है। बावजूद बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के साथ बड़ी घटना हो रही है। कुछ साल पहले भी लगातार हुई मौत के बाद जागरूक संगठनों ने सुरक्षा इंतजामों को लेकर आवाज उठाई थी। तब रामघाट के साथ आसपास के घाटों पर रस्सी बांधी गई थी, लेकिन समय बीतने और बारिश में आई बाढ़ से सुरक्षा के इंतजाम बह निकले। उसके बाद से प्रशासन द्वारा कोई संज्ञान नहीं लिया गया। पूर्व में हुए हादसों के बाद तत्कालीन कलेक्टर और निगम अधिकारियों ने दौरा कर सुरक्षा इंतजामों को जुटाने की बात कहीं थी, लेकिन अब तक पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था नहीं हो पाई है।3 शिफ्टो में तैनात रहते है होमगार्ड सैनिकक्षिप्रा नदी के घाटो पर तीन शिफ्टो में 25 से अधिक होमगार्ड और एसडीईआरएफ के जवान तैनात रहे है। जो लगातार रामघाट और दत्तअखाड़ा घाट पर सर्चिंग करते रहते है। लेकिन 24 घंटे क्षिप्रा में आस्था की डूबकी का क्रम बना रहता है, श्रद्धालुओं अलग-अलग घाटों पर डूबकी लगाने पहुंचते है। जिसके चलते बाहर से आने वाले श्रद्धाुलओं के साथ हादसे घटित हो जाते है।