लोकसभा चुनाव के कारण कायाकल्प के कार्यों संशय के बादल !
उज्जैन। अमृत भारत रेलवे स्टेशन योजना के तहत भले ही उज्जैन के रेलवे स्टेशन का भी कायाकल्प होने वाला हो लेकिन कायाकल्प के पुनर्निर्माण कार्यों की शुरुआत होने पर लोकसभा चुनाव के कारण ब्रेक लग सकता है।
दरअसल स्थानीय रेल प्रशासन भी टेण्डर प्रक्रिया पूरी होने का इंतजार कर रहा है लेकिन अधिकारियों को यह भी आशंका है कि कहीं लोकसभा चुनाव की तारीखों का इसी सप्ताह ऐलान होता है तो योजनाओं में शामिल अन्य रेलवे स्टेशनों के साथ ही उज्जैन के रेलवे स्टेशन का भी पुनर्निर्माण कार्य शुरू नहीं किए जा सकेंगे। गौरतलब है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने 26 फरवरी को ही अमृत भारत स्टेशन योजना से जुड़ी परियोजनाओं का शिलान्यास किया था और इसके तहत उज्जैन में भी रेलवे स्टेशन का कायाकल्प किया जाना है और स्टेशन के नवनिर्माण कार्यों पर करीब आठ सौ करोड़ रूपए खर्च किए जाने है। लेकिन जिस तरह से लोकसभा चुनाव की तैयारियां राजनीतिक दलों द्वारा की जा रही है उससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि चुनाव की तारीखों का ऐलान इसी सप्ताह तक हो सकता है लिहाजा आचार संहिता लगने के साथ ही विशेषकर शासन स्तर पर होने वाले निर्माण आदि कार्य नहीं हो सकेंगे। इसलिए फिलहाल रेलवे स्टेशन के पुननिर्माण कार्यों पर भी संशय के बादल मंडराने लगे है। बता दें कि पीएम मोदी ने उज्जैन के साथ ही नागदा, खाचरौद इंदौर और रतलाम मंडल के अंतर्गत ग्यारह स्टेशनों का वर्चुअली भूमिपूजन किया था। इसके बाद उम्मीद यह बंधी थी कि निर्माण कार्यों की टेण्डर प्रक्रिया को भी जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा लेकिन लोकसभा चुनाव सामने होने के कारण ऊपरी स्तर पर भी यह प्रक्रिया होने में संशय बना हुआ है।
एयरपोर्ट की तर्ज पर होना है विकास
गौरतलब है कि अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत उज्जैन के रेलवे स्टेशन का विकास एयरपोर्ट की तर्ज पर होना है। यहां पर फूड कोर्ट, वेटिंग लाउंज और बच्चों के खेलने की जगह उपलब्ध होगी। ग्रीन बिल्डिंग तकनीक से पूरा काम किया जाएगा। यहां पर कैफेटेरिया के अलावा एक रूफ प्लाजा भी तैयार किया जाएगा। आगमन और प्रस्थान अलग-अलग जगह से होगा। सीसीटीवी कैमरा के जरिए निगरानी की जाएगी और एक कमांड सेंटर बनाया जाएगा। दिव्यांगजनों के लिए अनुकूल सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। प्रकाश व्यवस्था, लिफ्ट, एस्केलेटर जैसी सुविधा उपलब्ध होगी। स्टेशन के दोनों किनारों यानी पुराने शहर और फ्रीगंज रेलवे ट्रैक को जोड़ा जाएगा। कायाकल्प के बाद स्टेशन अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा। वैसे रेल प्रशासन के अफसर भी यह स्वीकार कर रहे है कि लोकसभा चुनाव सामने आ गए है ऐसे में सुविधाओं के विस्तार की शुरुआत जल्द होने के बारे में अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है।
इनका कहना है
जो भी कार्य होना है उनके लिए टेंडर की प्रक्रिया होना है। इसके बाद ही विकास कार्य शुरू हो सकेंगे। उज्जैन में रेलवे स्टेशन का बेहतर विकास होगा क्योंकि उज्जैन महाकाल की नगरी है। यहां पर्यटकों को एयरपोर्ट की तरह सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी।
खेमराज मीना
पीआरओ रेलवे
जो भी कार्य होना है उनके लिए टेंडर की प्रक्रिया होना है। इसके बाद ही विकास कार्य शुरू हो सकेंगे। उज्जैन में रेलवे स्टेशन का बेहतर विकास होगा क्योंकि उज्जैन महाकाल की नगरी है। यहां पर्यटकों को एयरपोर्ट की तरह सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी।
खेमराज मीना
पीआरओ रेलवे