6 छात्रों के जीवन के को निजी कॉलेज ने कर दिया खराब
डीएवीवी प्रबंधन की भी नही चली , फीस भरने के बाद भी नही दिया प्रवेश
इंदौर। एमबीए में एडमिशन लेने वाले 6 विद्यार्थियों का साल कॉलेज की गलती के कारण बर्बाद हो गया है। पहले कॉलेज ने विद्यार्थियों से पूरी प्रक्रिया कराने के बाद भी एडमिशन नहीं दिया और ना ही उन्हें इसकी जानकारी दी। अब विद्यार्थियों को फीस नहीं लौटाई जा रही है। डीएवीवी में शिकायत के बाद भी कॉलेज प्रशसन विद्यार्थियों को फीस और दस्तावेज देने में आनाकानी कर रहा है। विद्यार्थी लगातार कॉलेज के चक्कर लगा रहे हैं।
छात्र आदित्य चौबे ने बताया कि मैंने सत्र 2023-24 में निजी कॉलेज में एमबीए फर्स्ट इयर में एडमिशन लिया था। इसके लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन सभी प्रक्रियाएं पूरी की थी। कॉलेज द्वारा मांगे गए सभी दस्तावेज भी जमा किए गए, बावजूद इसके हमारा एडमिशन नहीं किया गया और ना ही हमें इस बारे में जानकारी दी गई।
जनवरी में एनरोलमेंट नंबर जारी नहीं होने पर पता लगा कि 6 विद्यार्थियों का एडमिशन ही नहीं हुआ है। कॉलेज से शिकायत करने और फीस वापस देने की बात पर उन्हें फटकार कर वापस भेज दिया।
इससे परेशान होकर विद्यार्थी डीएवीवी पहुंचे और अधिकारियों से गुहार लगाई। इस पर रजिस्ट्रार डॉ. अजय वर्मा ने मामले पर तुरंत संज्ञान लेते हुए कॉलेज प्रशासन से बात की और विद्यार्थियों की फीस व टीसी देने के लिए कहा।
उस समय तो कॉलेज मान गया, लेकिन दूसरे दिन विद्यार्थियों को खाली हाथ लौटना पड़ा। कॉलेज ने एफिडेविड की मांग की। यह जमा करने के बाद अब कॉलेज दो विद्यार्थियों की फीस लौटाने को तैयार तो हुआ है लेकिन एडमिशन और यूनिफॉर्म के नाम पर 16 हजार रूपए काट रहा है।
विद्यार्थियों का कहना है कि कॉलेज की लापरवाही के कारण हमारा एक साल खराब हो गया है। हम लगातार एक महीने से कॉलेज के चक्कर काट रहे हैं। पहले हमें धमकी दी गई कि तुम हमारा कुछ नहीं बिगाड़ पाओगे। डीएवीवी के हस्तक्षेप के बाद थोड़ा रवैया सुधरा। कॉलेज ने चार विद्यार्थियों को बिना फीस लौटाए टीसी दे दी है।
वहीं, इसके लिए दो विद्यार्थी नहीं माने तो कुल 42200 रूपए फीस में से केवल 29 हजार रूपए लौटाने की बात कह रहा है। बचे हुए 16 हजार रूपए एडमिशन फीस और यूनिफॉर्म के नाम पर काटे जा रहे हैं। इस रवैए से विद्यार्थी तंग आ गए है और कॉलेज के खिलाफ लीगल एक्शन लेने की तैयारी कर रहे हैं।