4 लाइनमैन के भरोसे बिजली विभाग का पंथपिपलाई झोन
नोटशीट पर नोटशीट लेकिन स्टॉफ बढ़ाने का नाम ही नहीं लेते अफसर
10 से अधिक लाइनमैन की जरूरत
ब्रह्मास्त्र उज्जैन
बिजली विभाग के पंथपिपलाई झोन महज चार लाइनमैन के भरोसे है। हालांकि संबंधित अफसर अपने उच्च अधिकारियों को नोटशीट पर नोटशीट बढ़ा रहे हंै कि झोन में कम से कम दस लाइनमैन की जरूर को पूरा किया जाए लेकिन विभाग के अफसर है कि स्टॉफ बढ़ाने का नाम ही नहीं लेते। ऐसी स्थिति में चार लाइनमैन बिजली का फाल्ट कैसे ढूंढ़ते होंगे वे ही अच्छी तरह से बता सकते हैं।
जिस पंथपिपलाई झोन की यहां बात हो रही है उसके अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों के साथ ही विभिन्न कॉलोनियां भी है जहां के लोग बिजली की समस्या से आए दिन परेशान होते रहते हैं। बिजली की कटौती का समय इस झोन में किसी तरह से निर्धारित नहीं है क्योंकि सुबह से रात तक कभी बिजली के तार हवा के झटके से लटक जाते हैं तो कभी मावठे की बारिश या ओले गिरने के कारण जमीन पर आ गिरते है और फिर ऐसे में महज चार लाइनमैन उस स्थान को खोजते रहते है जहां बिजली के तार गिरे होते है या फिर लटकते है। बताया जाता है कि जिन लाइनमैनों कीे भरोसे झोन के जिम्मेदार अफसर हैं वे संविदा कर्मी है या फिर ठेकेदार के आदमी। बावजूद इसके क्षेत्रीय नागरिकों का कहना है कि बापड़े! भले ही दो तीन घंटे में फाल्ट ढूंढते तो हैं!
जिम्मेदार को भी आना पड़ता है मैदान में
बताया जाता है कि कई बार स्थिति ऐसी भी हो जाती है कि झोन के जिम्मेदार अधिकारी को भी मैदान में आना पड़ता है और लाइनमैनों की मदद कर बिजली का फाल्ट ढंूढ़ने में मदद करना पड़ जाती है। क्योंकि हालात यह बन जाते है कि झोन के कर्मचारियों से ग्रामीण अंचलों के साथ ही ग्रामीण अंचलों में बसी कॉलोनियों के लोगों का सीधा संपर्क बना हुआ होने के कारण इन्हें मोबाइल की घंटी पर घंटी दी जाती है और फिर ऐसे में जवाब देना मुश्किल हो जाता है। मजबूरीवश फिर मदद के लिए अधिकारी को भी मदद के लिए आना पड़ जाता है।
इनका कहना
स्टॉफ की कमी है और इस कारण परेशानी तो होती है। लाइनमैनों की संख्या बढ़ाने के लिए कार्रवाई की जा रही है।
गौरव मांझी सहायक यंत्री पंथपिपलाई झोन