एसडीईआरएफ की टीम तलाश में करती रही सर्चिंग बड़नगर ब्रिज से क्षिप्रा नदी में कूदने वाला पंवासा में घूमता मिला

दैनिक अवन्तिका ब्रह्मास्त्र बुलेटिन … उज्जैन उज्जैन। जिसकी तलाश में 2 दिनों से एसडीईआरएफ की टीम क्षिप्रा नदी में सर्चिंग कर रही थी, वह गुरूवार को पंवासा में घूमता हुआ मिल गया। नदी में कूदने के बाद वह बाहर निकल गया था, पैर में चोंट लगने पर रात में क्षिप्रा के घाटो पर घूमता रहा और फिर वहां से निकल गया। पुलिस ने पूछताछ के बाद उसे परिजनों के साथ रवाना किया है।
जीवाजीगंज टीआई राकेश भारती ने बताया कि जिस युवक की 2 दिनों से एसडीईआरएफ के साथ पुलिस टीम क्षिप्रा नदी में सर्चिंग कर रही थी, उसके गुरूवार सुबह 11 बजे के लगभग पंवासा में मिलने की खबर मिली। युवक के भाई मनीष काले से संपर्क किया तो उसने बताया कि परिचित ने फोन कर बताया है कि आशीष उसके सामने खड़ा है, जिसकी हालत काफी कमजोर दिख रही है। वह पंवासा पहुंचे थे और उसे साथ लेकर आ रहे है। टीआई ने अशीष काले को परिजनों के साथ थाने बुलाया। जहां पूछताछ में सामने आया कि उस पर कर्ज अधिक हो गया था। उसे कर्ज देने वाले रूपये लौटाने का दबाव बना रहे थे। टीआई भारती ने बताया कि उसके पैर में चोंट लगी थी, 2 दिन से उसने कुछ खाया पिया नहीं था, जिससे उसकी हालत कमजोर हो गई थी। उसे परिजनों के साथ घर भेजा गया है। हालत में सुधार होने पर आगे की जांच की जाएगी।
कूदने से पहले छोड़ा था सुसाइड नोट
गौरतलब हो कि मंगलवार रात 10.30 बजे बड़नगर ब्रिज से क्षिप्रा नदी में एक युवक को कूदता देख लोगों ने पुलिस को सूचना दी थी। जीवाजीगंज थाना पुलिस मौके पर पहुंची तो कूदने वाले युवक की बाइक ब्रिज पर खड़ी मिली, पास ही चप्पल पड़ी थी। बाइक में रखा सुसाइड नोट मिला। जिसमें 2 लोगों के नाम लिखे थे और कर्ज होने की बात लिखी गई थी। पुलिस ने बाइक नबंर से उसकी पहचान अशीष पिता स्वर्गीय राजेन्द्र काले 38 वर्ष निवासी ढांचा भवन के रूप में की थी। भाई मनीष काले ने बताया था कि आशीष आर्टिफिशल आभूषणों की सेल्समेनी करता है। सुसाइड नोट में लिखे 2 नामों में से एक उनका रिश्तेदार होना सामने आया था। मंगलवार रात से उसकी तलाश में सर्चिंग की जा रही थी। बुधवार शाम तक पता नहीं चलने पर उसके बच निकलने की आशंका बढ़ गई थी, जो सही साबित हुई।