खुसूर-पुसूर

आम को ताकीद,सरकारी को छूट नगर निगम भी आम और सरकार के दफ्तरों में भेदभाव कर रहा है। यह मामला आज का नहीं स्वच्छता अभियान की शुरूआत से सामने आ रहा है। कचरा जलाने को लेकर स्पष्ट है कि इससे उठने वाली दुर्गंध मानवजन के लिए हानिकारक है। कचरे में कई प्रकार के न जलाने वाले तत्व भी होते हैं। गली मोहल्लों में आमजन जब कचरा जलाता है तो दरोगा जी आकर जमकर फटकार लगाते हैं 200 रूपए का चालान बना दिया जाता है। इसके उलट सरकारी कार्यालयों के आसपास कचरा रोज जलाने की परंपरा सी अदा की जा रही है। यकीन न हो तो प्रदुषण का नियंत्रण करने वाले कार्यालय के आसपास एवं विकास प्राधिकरण के पुराने भवन के सामने इसे रोज देखा जा सकता है। सुबह की सैर करने वाले इससे परेशान हैं पर मजाल है कि एक भी बार नगर निगम के जिम्मेदारों की और से इस पर कार्यवाही की गई हो। हाल यह हैं कि अधिकांश कार्यालयों के बाहर झाडू के उपरांत एकत्रित कचरे का निष्पादन उसमें आग लगाकर ही किया जा रहा है। प्रात: भ्रमण करने वाले बुजूर्गों में खुसूर-पुसूर है कि सर्दी के दिनों में कफ का थूक सडक पर करने पर सफाई मित्र आपत्ति ले रहे थे लेकिन कचरे में आग लगा कर वातावरण को प्रदुषित करने वाले शासकीय कार्यालय के अदने से कर्मचारी को भी हिदायत देने में नगर निगम घूटना पेट की तरफ झुकने की कहावत को चरितार्थ कर रहा है।हुआ जो होना था-मंदिर में महाशिवरात्रि के लिए अति‍ विशिष्ट अतिथि के पास सामने आए हैं। पास पर कुल प्रकाशन की संख्या भी नहीं है। बार कोड के पास जारी किए गए है। अब ये कितने बटे हैं और किस-किस तक पहुंचे हैं ये तो सामने नहीं आ रहा है लेकिन अपुष्ट सूत्रों का कहना है कि हजारों में ऐसे अति विशिष्ट अतिथि बन गए हैं। यह भी कहा जा रहा है कि पास के बाजार में आने के साथ ही कलाकारों ने पास से कई पास बना लिए हैं। ऐसे में सुरक्षा को भी खतरा हो रहा है। आम तो फिर से एक बार ठगा सा महसूस कर रहा है।