लॉचिंग से पहले वैदिक घंडी के एप पर सायबर अटैक-ऑलाइन छोड़े लाखों बॉट्स, सर्वर की गति धमी
दैनिक अवंतिका(उज्जैन) दुनिया की पहली विक्रमादित्य वैदिक घड़ी के ऐप पर लॉचिंग से पहले सायबर अटैक हुआ है। कुछ दिन पहले वैदिक घड़ी का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वर्चुअल शुभारंभ किया था। सायबर अटैक की शिकायत नेशनल सायबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर दर्ज कराई गई है। कालगणना का केन्द्र माने वाले उज्जैन में 29 फरवरी को 85 फीट ऊंच टॉवर पर जीवाजीराव वेधशाला परिसर में लगाई गई वैदिक घड़ी का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्चुअल शुभारंभ किया था। जिसका 8 मार्च शुक्रवार को पूर्व घोषित विक्रमादित्य वैदिक घडी नाम से फ्री मोबाइल ऐप लॉन्च किया जाना था। उससे पहले सायबर अटैक की खबर सामने आ गई। वैदिक घड़ी का एप बनाने वाले आरोहण संस्था के प्रमुख आरोह श्रीवास्तव ने बताया कि इस हमले को तकनीकी भाषा में डीडीओएस अटैक कहा जाता है। जिससे विक्रमादित्य वैदिक घड़ी के सर्वर की प्रोसेस धीमी हो रही है और आम लोग इसका उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। आरोह ने इस अटैक की साइबर पुलिस में शिकायत दर्ज करने के लिए संस्थान प्रमुख से कहा है। आरोह के अनुसार इंटरनेट और जीपीएस से जुड़ी होने के कारण दुनिया में कहीं भी इसका उपयोग किया जा सकता है। यह दुनिया की पहली ऐसी डिजिटल वैदिक घड़ी है जो इंडियन स्टैंडर्ड टाइम भारतीय पंचांग और मुहूर्त की जानकारी देती है। इसको मोबाइल और टीवी पर भी सेट किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि विक्रमादित्य वैदिक घड़ी का ऐप हिंदी, अंग्रेजी अन्य भारतीय व विदेशी भाषाओं में तैयार किया जा रहा है। वैदिक घड़ी का नहीं हुआ नुकसानमहाराजा विक्रमादित्य शोध पीठ के निदेशक श्रीराम तिवारी ने बताया कि सायबर अटैक के बाद उन्होने घड़ी का निरीक्षण किया है। वैदिक घड़ी सुरक्षित है, उसे कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। घड़ी के लोकल सर्वर पर अटैक होना सामने आ रहा है। जिससे बेवसाइड खोलने पर इसके प्रोग्राम दिखाई नहीं दे रहे है। टेक्निकल टीम इसके डाटा को बचाने में सफल रही है। महाशिवरात्रि पर वैदिक घड़ी के ऐप लॉन्च किया जाना था, लेकिन अटैक के चलते अब एक माह की देरी होगी। संभवत: गुडी पड़वा पर इसकी लॉचिंग की जा सकती है।