साइबर हमले के बाद वैदिक घड़ी एप हो रहा प्रोटेक्ट, सर्वर होगा मल्टीपल, लांचिंग आगे बढ़ी

ब्रह्मास्त्र. उज्जैन

विश्व की पहली वैदिक घड़ी के एप्लिकेशन पर साइबर अटैक के बाद शासन इसे और अधिक प्रोटेक्ट करने में जुट गया है। शासन के निर्देश पर आरोहण संस्थान प्रमुख इसमें तकनीकी सुधार कर रहा है। इससे एप की लांचिंग आगे बढ़ गई है।
वैदिक घड़ी के एप पर कल साइबर अटैक की घटना मध्यप्रदेश सरकार के लिए भी परेशानी का कारण बन गई थी। यह प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं इसका लोकार्पण 29 फरवरी को किया है। संस्था प्रमुख आरोह श्रीवास्तव के अनुसार वैदिक घड़ी का एप और अधिक प्रोटेक्ट करने के लिए मल्टीपल सर्वर लगाया जाएगा। इससे नकली ट्रैफिक पर अंकुश लगाया जा सकेगा। शुक्रवार को एप पर साइबर अटैक की घटना के पश्चात नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर श्रीवास्तव द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई थी। वैदिक घड़ी का एप बनाने वाले आरोह श्रीवास्तव ने बताया कि इस हमले को तकनीकी भाषा में डीडीओएस कहा जाता है। जिससे विक्रमादित्‍य वैदिक घड़ी के सर्वर की प्रोसेस धीमी हो गई थी। आम लोग इसका उपयोग नहीं कर पा रहे थे। विक्रमादित्य शोधपीठ के निदेशक श्रीराम तिवारी ने श्रीवास्तव के साथ जीवाजी वेधशाला परिसर में 85 फीट ऊंचे टॉवर पर लगी घड़ी का अवलोकन भी किया था।
कल ही फ्री एप होना था जारी
महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ, संस्‍कृति विभाग, मध्‍यप्रदेश शासन द्वारा गत 8 मार्च को इसका पूर्व घोषित ‘विक्रमादित्य वैदिक घड़ी’ नाम से फ्री मोबाइल ऐप जारी किया जाना था। साइबर अटैक के बाद एप का लोकार्पण करने में समय लगेगा।