कैसे निपटेंगे आगजनी की घटनाओं से साल भर से नहीं है उज्जैन में फायर आॅफिसर, शहर के मान से फायरमैन की भी संख्या कम

ब्रह्मास्त्र उज्जैन

उज्जैन के नगर निगम के पास बीते एक साल से अधिक समय से फायर आॅफिसर ही नहीं है। इतना ही नहीं बल्कि फायर ब्रिगेड के पास फायरमैन की संख्या भी शहर के मान से कम है। बताया गया है कि फायर ब्रिगेड अमले में महज सात फायरमेन है जबकि इनकी जरूरत दस से अधिक है। हालांकि जिस कर्मचारी के पास अभी वाहनों का प्रभार है उनके द्वारा बार-बार निगम के वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया जा रहा है। ऐसी स्थिति में सवाल यह उठता है कि आने वाले गर्मी के मौसम में शहर में यदि कोई छोटी बड़ी आग लगने की घटना होती है तो फायर ब्रिगेड का अमला इससे कैसे निपटेगा!

बताया गया है कि बीते एक वर्ष से फायर आॅफिसर का पद रिक्त पड़ा हुआ है और ऐसे में निश्चित ही महत्वपूर्ण कार्य प्रभावित होते है, बावजूद इसके फायर ब्रिगेड का कामकाज जैसे तैसे संचालित हो ही रहा है। गौरतलब है कि उज्जैन में महाकाललोक बनने के बाद कुकुरमुत्तों की तरह छोटी बड़ी होटलों के साथ ही गेस्ट हाउसों का संचालन शुरू हो गया है वहीं महाकाल मंदिर क्षेत्र की तंग गलियों में खान-पान की दुकानें संचालित हो रही है। इसके अलावा शहर की आबादी भी निरंतर बढ़ रही है और कॉलोनियों का भी विकास लगातार हो रहा है लेकिन शहर की बढ़ती आबादी और व्यसायिक दुकानों की बढ़ती संख्या के मान से फायर ब्रिगेड में संसाधनों के साथ ही अमला भी कम है। बताया गया है कि फिलहाल सात फायरमैन है वहीं चौबीस वाहन है जिनके अधिकांश चालक या तो अवकाश पर रहते है या फिर आग लगने की सूचना मिलने के बाद भी संबंधित स्थान को तलाशने में ही इतनी देर हो जाती है कि तब तक आगजनी से संबंधित स्थान पर बहुत ज्यादा नुकसान हो चुका होता है।

इनका कहना है
पर्याप्त वाहन है लेकिन फायरमैन कम से कम दस होना चाहिए। अभी सात फायरमैन कार्यरत है। वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत करा रखा है। तीन माह से वेतन भी नहीं मिला है।
उमेश सिंह बैस, वाहन प्रभारी

24 वाहन लेकिन चालक वर्कशॉप से बुलाने पड़ते हैं
मौजूदा स्थिति में फायर ब्रिगेड के पास चौबीस दमकलें है और दावा किया जाता है कि ये आगजनी की घटना होने पर तुरंत ही पहुंचते है लेकिन बताया गया है कि इन वाहनों के चालक कम है और ऐसे में नगर निगम के वर्कशॉप से अन्य वाहनों के चालकों को दमकलों को चलाने के लिए बुलाना पड़ता है वह भी आगजनी की सूचना मिलने के ऐन वक्त पर। हालांकि वाहन प्रभारी का यह कहना है कि सभी वाहनों के चालक है लेकिन वे अपने समय पर मौके पर मौजूद रहते है या नहीं इस सवाल का जवाब किसी जिम्मेदार के पास नहीं है।

तीन माह से नहीं मिला वेतन !
बताया गया है कि फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों को बीते तीन माह से वेतन ही नहीं मिला है और ऐसे में यह भी जानकारी सामने आ रही है कि ये कर्मचारी हड़ताल कर सकते है। बताया गया है कि फंड की कमी होने से इन कर्मचारियों का वेतन तीन माह से अटका हुआ है।