क्षिप्रा में डूबतों का सहारा बने होमगार्ड के जवान
दैनिक अवंतिका(उज्जैन) क्षिप्रा नदी के घाटों पर तैनात होमगार्ड के जवान दिन-रात डूबतों का सहारा बन रहे है। शनिवार को पांच लोगों की जिंदगी को जवानों ने नदी में छलांग लगाकर बचाई है। वर्षाकाल के बाद से ही तीन शिफ्टो में जवान लगातार अपनी ड्युटी कर रहे है। जो उपकरणों के साथ लगातार घाटो पर सर्चिंग करते रहते है।होमगार्ड/एसडीईआरएफ डिस्ट्रीक कमांडेंट संतोष कुमार जाट ने बताया कि महाशिवरात्री पर्व पर महाकाल दर्शन के लिये लाखों श्रद्धालु धार्मिक नगरी में पहुंचे थे। जिनका क्षिप्रा स्नान के लिये आने का क्रम भी बना हुआ था। शनिवार सुबह रामघाट के सिद्धआश्रम घाट पर रीवा से आया सत्यम मिश्रा नहाते समय अचानक गहरे पानी में चला गया। उसे डूबता देख बचाने के लिये उसके साथी सचिन कुशवाह और कान्हा गौतम निवासी सतना भी नदी में कूद गये। लेकिन तीनों एक-दूसरे को बचाने में डूबने लगे। घाट पर तैनात एसडीईआरएफ जवान प्रकाश ने उन्हे देखा तो बचाने के लिये नदी में छलांग लगा दी। उसी दौरान मोटरबोट पर तैनात दीपक सोनी और अजय जैन भी मौके पर पहुंच गये और लाइफ बॉय की मदद से तीनों को बचाकर बाहर ले आये। जवानों को नदी में डूबते तीन युवको को बचाता देख अन्य जवान ईश्वर चौधरी, विजेन्द्रसिंह, महेश प्रजापति, रविन्द्रसिंह भी सिद्धआश्रम घाट पहुंचे थे। कमांडेट जाट के अनुसार तीन श्रद्धालुओं की जिंदगी बचाने का सहासिक कार्य करने वाले जवानों को इनाम देकर पुरूस्कृत किया गया है। महाशिवरात्री पर्व को देखते हुए क्षिप्रा नदी के सभी घाटों पर 120 जवानों की तैनाती की गई थी। जिसमें 60 जवान रामघाट और दत्तअखाडा घाट पर तैनात किये गये थे। एक रिस्पॉन्स टीम भी अलर्ट पर रखी गई थी। आम दिनों में तीन शिफ्टो में 30 जवान हमेशा तैनात रहते है। महिलाओं को बचाने के लिये कूदा जवान सुबह तीन युवको को बचाने के बाद दोपहर में रामघाट पर 2 महिलाएं क्षिप्रा की गहराई में चली गई थी। दोनों को डूबता देख वर्दी में तैनात होमगार्ड जवान राहुल भाटी ने छलांग लगा दी और उन्हे बचाकर बाहर ले आया। महिलाएं बहादूरगंज की रहने वाली रानी और जया थी। दोनों नहान के लिये आई थी।