तारीख पर तारीख…तारीख पर तारीख……! आचार संहिता का इंतजार इसलिए अटके कन्यादान योजना के सामूहिक विवाह…

महापौर बोले – तारीख तय हो रही है लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद ही करेंगे आयोजन

ब्रह्मास्त्र उज्जैन

नगर निगम का प्रशासन लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने का इंतजार कर रहा है। यही कारण है कि मार्च माह की निर्धारित तारीख पर मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत सामूहिक विवाह और निकाह सम्मेलन आयोजित नहीं किए जा सके है। कुल मिलाकर इस आयोजन को करने के लिए लगातार तारीखें बढ़ती जा रही है।
हालांकि दैनिक ब्रह्मास्त्र से चर्चा में निगम महापौर मुकेश टटवाल का कहना है कि आयोजन की तारीख तय हो गई है लेकिन कब इसका जवाब वे नहीं दे सके। वैसे टटवाल का यह भी कहना है कि हो सकता है कि लोकसभा चुनाव के बाद ही सामूहिक विवाह सम्मेलन और, निकाह के आयोजन होंगे।

क्या है मुख्यमंत्री कन्यादान योजना
मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना को मध्य प्रदेश सरकार द्वारा चलाया जा रहा है। इस योजना के तहत सूबे के गरीबी रेखा से नीचे आने वाले परिवारों ,जरूरतमंद ,बेसहारा परिवारों की बेटियों की शादी के लिए आर्थिक रूप से मदद दी जाती है। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत सामूहिक विवाह करने वाली सभी कन्याओं पर भी मध्य प्रदेश सरकार पैसा खर्च करती है। योजना के तहत आर्थिक सहायता प्राप्त करने के लिए विवाह के समय बेटी की आयु 18 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए। जिस लड़के से लड़की की शादी हो रही है उस लड़के की आयु 21 वर्ष या उससे ज्यादा होनी चाहिए। शहरी क्षेत्र में विवाह और निकाह के सामूहिक आयोजन की जिम्मेदारी नगर निगम के साथ ही प्रशासन की होती है। जबकि ग्रामीण इलाकों में संबंधित पंचायतों को यह आयोजन कराना होते है।

ये तारीखों को किया गया था निश्चित
शासन की तरफ से मुख्यमंत्री विवाह का कैलेण्डर जारी करते हुए सामूहिक विवाह आयोजन हेतु 6 मार्च के साथ ही 23 अप्रैल और 11 जुलाई को तय किया गया था लेकिन उज्जैन में इस तरह के आयोजन न तो 6 मार्च को ही हो सके और न ही 23 अप्रैल को होने की संभावना है। इसके अलावा 22 नवंबर के अलावा 2 दिसंबर की भी तारीख प्रस्तावित है। इन दो तारीखों के साथ ही सामूहिक निकाह आयोजन के लिए 21 अप्रैल के अलावा 2 जून और 6 अक्टूबर व साल के अंत में 8 दिसंबर को निर्धारित किया गया है। गौरतलब है कि अभी मौजूदा स्थिति में जिन दो तारीखों की बात यहां हो रही है उनमें से एक 6 मार्च तो बीत चुकी है वहीं यदि इसी माह आचार संहिता लग जाती है तो अप्रैल की ग्यारह तारीख को भी विवाह सम्मेलन आयोजित नहीं हो सकेंगे। लिहाजा उम्मीद है कि चुनाव संपन्न होने के बाद ही 11 जुलाई या फिर नवंबर या दिसंबर माह के दौरान ही आयोजन किए जा सकेंगे। इसी तरह सामूहिक निकाह आयोजन भी 21 अप्रैल को होना संभावित नहीं है।

क्या कहते है महापौर
तारीख तो तय हो गई है लेकिन कब की है, इसकी विस्तृत जानकारी नहीं है। हालांकि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग सकती है इसलिए हो सकता है कि लोकसभा चुनाव के बाद ही आयोजन हो सकेंगे।
मुकेश टटवाल, महापौर नगर निगम