मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना से ही दूर होगी दहेज प्रथा जैसी कुरीति- गौतम
सारंगपुर। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए वरदान इस योजना के माध्यम से फिजूल खर्च एवं दहेज प्रथा जैसी कुर्तियां को समाप्त करने का एक अच्छा माध्यम है ऐसे कन्याओं के माता-पिता को आर्थिक समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ रहा है। उक्त उद्गार शहर के कपिलेश्वर तीर्थ स्थल परिसर में सोमवार को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह-निकाह योजना के तहत आयोजित विवाह सम्मेलन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए तकनीकी शिक्षा-कौशल विकास एवं रोजगार विभाग मंत्री गौतम टेटवाल ने व्यक्त किए।
कार्यक्रम 45 हिंदू जोडों ने फेरे लिए और 39 मुस्लिम जोडों का निकाह कराया गया। सारंगपुर में एक ही मंडप में जहां पुरोहित ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ विवाह संपन्ना कराया तो दूसरी ओर मौलाना ने कुरान की आयतों के जरिए निकाह पढ़वाया। 45 जोड़ों का विवाह कराया गया है। 39 जोड़ों का निकाह सम्पन्ना हुआ है। आगे मंत्री श्रीटेटवाल ने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर बेटियों की शादी कराने के साथ ही दहेज प्रथा जैसे सामाजिक बुराई को दूर करने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना संचालित की जा रही है। जिसके तहत प्रदेश में लगातार सामूहिक विवाह का आयोजन किया जा रहा है। सामूहिक विवाह में आगे आकर समाज को सामाजिक समरसता का एक अनुकरणीय संदेश दिया है। वर-वधुओं को संबोधित करते हुए कहा कि विवाह का आधार विश्वास होता है। पति-पत्नी को एक-दूसरे पर विश्वास और समन्वयता के साथ वैवाहिक जीवन बिताना चाहिए। उन्होंने वर-वधुओं को एक-दूसरे का सम्मान करते हुए परिवारों का भी मान-सम्मान बनाये रखने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में मौजूद सांसद रोडमल नागर ने कहा कि, हम सबका बहुत ही सौभाग्य हैं कि 84 जोड़े परिणयसुत्र बंधन में बंधे। मैं इन सभी वर-वधुओं को बधाई और शुभकामनाएं देता हूं।