पार्षद अर्पित दुबे और साथी गोलीकांड से बरी
दैनिक अवंतिका(उज्जैन) उज्जैन। 9 नवंबर 2012 को हुए गोलीकांड में पार्षद अर्पित दुबे और साथियों को बरी कर दिया गया। न्यायालय ने माना कि प्रारंभिक जांच में पुलिस भी यह मान रही थी कि पार्षद तथा अन्य साथियों के विरूध्द साक्ष्य नहीं है इसलिए अनुसंधान जारी रखा। लेकिन बाद में आरोपी बना लिया, किंतु विचारण के बाद भी न्यायालय ने भी इन्हें दोषी नहीं पाया। पार्षद अर्पित दुबे की ओर से पैरवी करने वाले हाई कोर्ट एडवोकेट वीरेंद्र शर्मा ने बताया कि 9 नवंबर 2012 को थाना माधवनगर पर विक्रम बंजारा ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी की वह सनशाइन टावर पर लाला त्रिपाठी के भाई बबला और साथियों के साथ चाय पीने खड़ा था तभी दो मोटरसाइकिलों पर आकर पिस्तौल से गोलियां चलाना शुरू कर दी। लक्ष्मी बेकरी के पास तक गोलियां चलाई जिसपर से पुलिस ने हथियार जप्त किया चालान पेश किया था। मामले में न्यायालय द्वारा पार्षद अर्पित दुबे और साथियों को बरी कर दिया।