महाकाल कोटितीर्थ कुंड के मंदिरों की चमक खत्म: बाहर करोड़ों के काम अंदर ध्यान नहीं
ब्रह्मास्त्र उज्जैन। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर के बाहर सौंदर्यीकरण के लिए भले ही करोड़ों रुपए के काम हो रहे हो लेकिन अंदर नजारा कुछ ओर ही है।
यहां मंदिर के सभामंडप के किनारे ही बने प्राचीन कोटितीर्थ के आसपास घाट पर पत्थरों के कई पुराने मंदिर बने हैं।
इन मंदिरों की चमक धीरे-धीरे खत्म हो रही है। ऐसे यहां करीब 30 मंदिर बने हैं।
आखिर सफाईकर्मी इन मंदिरों को सफाई क्यों नहीं कर रहे
जब मंदिर परिसर में हर हिस्से की सफाई के लिए कर्मचारी तैनात है तो फिर इस हिस्से में आकर सफाई क्यों नहीं की जाती है। जबकि यह स्थान तो मंदिर का सबसे आकर्षण का केंद्र माना जाता है।
समिति के अधिकारियों को भी देखना चाहिए यहां व्यवस्था
मंदिर प्रबंध समिति में प्रशासक के अलावा सहायक के रूप में कई अधिकारी काम कर रहे हैं। इनमें से ही किसी भी अधिकारी को यहां की व्यवस्था भी देखना चाहिए।